सप्तपुरी तीर्थ की सम्पूर्ण जानकारी | Sapt Puri Tirth Information in Hindi

Share your love

सप्तपुरी तीर्थ के नाम की सम्पूर्ण जानकारी और इतिहास | Sapt Puri Tirth name Information in Hindi | हिन्दू धर्म के 7 पवित्र शहर कोनसे हैं | भारत की 7 पुरियों (सप्तपूरी) मोक्ष पुरियां कोनसी हैं

हिन्दू हमेशा से ही प्रकृति की पूजा करते आयें हैं| हिन्दू धर्म का मानना है जो आपको हर पल जीवन जीने में मदद करता है वही भगवान् है|

मनुष्य के जीवन को सरल और आसन यह प्रकृति ही बनाती है| इस संसार की प्रत्येक वास्तु और जीव इस प्रकृति में एक सामंजस्य बनाकर रखते हैं|

यह बैलेंस ही हमें जीने में मदद करता है|

हिन्दू धर्म के ग्रंथों में ऐसे 7 शहरों का जिक्र है जो पवित्र माने गए हैं| कोई इन्हें हिन्दुओं के 7 पवित्र शहर कह कर भी बुलाता है|

वेदों में यह सात शहर सप्तपुरी तीर्थ के नाम से बताये गए हैं|

आइये विस्तार से चर्चा करते हैं, हिन्दू धर्म के 7 पवित्र शहर के नाम कोनसे हैं| इन 7 शहरों को 7 पुरियां (सप्तपुरी) और मोक्ष पूरी के नाम से भी जाना जाता है|

सप्तपुरी तीर्थों के नाम

Sapt Puri Tirth Name Information in Hindi

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार हरिद्वार, मथुरा, अयोध्या, कांची, द्वारका, काशी(बनारस), तथा अवंतिका यह सात शहर सप्तपुरी तीर्थ के नाम से जाने जाते हैं|

1. हरिद्वार

सप्तपुरी की सम्पूर्ण जानकारी

हरिद्वार भारत का महत्पूर्ण तीर्थस्थल है| इस शहर के कई नाम हैं – हरद्वार, गंगाद्वार, कुशावर्त

मायापुरी, हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर और भीमगोंडा इन पांच पवित्र स्थानों को मिलकर हरिद्वार कहा जाता है|

हरिद्वार वर्तमान में उत्तराखंड में स्तिथ है| गंगा नदी ऋषिकेश के पहाड़ी इलाकों से निकलकर पहली बार समतल धरातल पर हरिद्वार में ही अवतरित होती है|

हरिद्वार को भारत की अध्यात्मिक राजधानी भी कहलाता है|

यह शहर हिन्दुओं की पवित्र यात्रा चार धाम का द्वार भी कहा जाता है| हरिद्वार से ही चार धाम की पवित्र यात्रा शुरू होती हैं|

इसके अलावा हरिद्वार को ही हिमालय का भी प्रवेश द्वार माना जाता है|

हरिद्वार के पवित्र धार्मिक स्थल

  1. ब्रह्मकुंड (हर की पैड़ी)
  2. गऊघाट
  3. कुशावर्त घाट
  4. नीलधारा
  5. बिल्वकेश्वर
  6. कनखल
  7. दक्षेस्वर महादेव
  8. सतीकुंड
  9. भीमगोडा
  10. चंडीदेवी (मनसादेवी

यात्रा मार्ग

दिल्लिसे हरिद्वार लगभग 262 किलोमीटर दूर है| दिल्ली से दिन में अनेक बसें हरिद्वार के लिए रवाना होती है| दिल्ली, मुंबई, कोलकत्ता, पटियाला, उत्तर प्रदेश आदि बड़े शहरों से हरिद्वार सड़क व रेल द्वारा जुड़ा हुआ है|

यहाँ से ऋषिकेश केवल 24 किलोमीटर दूर है|

2. मथुरा – वृन्दावन

सप्तपुरी तीर्थ के नाम

मथुरा भी पुराणों के अनुसार एक पवित्र शहर और सप्तपुरी तीर्थ में माना जाता है| यह भगवान् श्री कृष्ण की जन्मस्थली भी है| वराह पुराण के अनुसार मथुरा मंडल 20 योजन का है|

हिन्दू धर्म की अन्य शाखाओं जैसे जैन और बौद्ध धर्म का भी प्रभाव इस शहर में देखने को मिलता है|

एक चीनी यात्री फाह्यान ने मथुरा को मोरों की नगरी कहा था|

मथुरा से 10 किलोमीटर दूर वृन्दावन है जैसे मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है| इसकी गली गली में मंदिर बने हुए हैं|

मथुरा के पवित्र धार्मिक स्थल

  1. विश्राम घाट
  2. श्री द्वारकाधीश मंदिर
  3. श्री कृष्ण जन्मस्थली
  4. पोतरा कुंड

वृन्दावन के पवित्र स्थल

  1. बांकेबिहारी मंदिर
  2. प्रेम मंदिर
  3. बिड़ला मंदिर
  4. पागल बाबा का मंदिर
  5. रंगजी का मंदिर
  6. राधा बल्लभ मंदिर
  7. माता वैष्णो देवी मंदिर
  8. मदन मोहन जी का मंदिर

मथुरा के आस पास है बारह बन

  1. मधुबन
  2. तालबन
  3. कुमुदवन
  4. बहुलवन
  5. कामबन
  6. खदिरबन
  7. वृन्दावन
  8. भद्रवन
  9. भांडीरवन
  10. धोलवन
  11. लोहवन
  12. मोहवन

यात्रा मार्ग

मथुरा रेलवे जंक्शन है| कोलकत्ता, मुंबई, दिल्ली आती अनेक शहरों से यह रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है| दिल्ली से अनेक बसें प्रतिदिन चलती हैं|

आगरा ग्वालियर से भी बसें मथुरा आती है| मथुरा से वृन्दावन बस तथा अन्य सड़क परिवहनों द्वारा जाया जा सकता है| मथुरा से गोकुल, नंदगाँव आदि के लिए भी बसें उपलब्ध हैं|

3. अयोध्या

मोक्ष पुरियों के नाम

सप्तपुरियों में अयोध्या शहर का प्रथम स्थान है| यह स्थान भगवान् राम का जन्म स्थान भी है| आजकल राम मंदिर क वजह से यह शहर विवाद में है|

वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या, पवित्र सरयू नदी के दक्षिण तट पर बसी हुई है| मनु ने सर्वप्रथम इसे बसाया था|

स्कंदपुराण के अनुसार यह सुदर्शन चक्र पर बसी हुई है|

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार सर्वप्रथम ब्रह्मा जी ने इस तीर्थ की यात्रा की और एक कुंड का निर्माण किया जिसे ब्रह्मकुंड भी कहा जाता है|

source:- ayodhya.gov.in

प्रमुख कुंड

  1. ब्रह्मकुंड
  2. सीताकुंड
  3. रुकमणिकुंड
  4. क्षीरोद कुंड
  5. वशिष्ठ कुंड
  6. उर्वशी कुंड

प्रमुख घाट

  1. ऋणमोचन घाट
  2. सहस्त्रघाट
  3. लक्ष्मण घाट
  4. स्वर्गद्वार
  5. गंगा महल
  6. शिवालाघाट
  7. जटाई घाट
  8. अहिल्याबाई घाट
  9. धोरहरो घाट
  10. रूपकला घाटनया घाट
  11. जानकीघाट
  12. रामघाट

अन्य दर्शनीय स्थल

  1. सोनखर
  2. सूर्य कुंड
  3. नंदीग्राम
  4. दशरथ तीर्थ
  5. गुप्तारघाट
  6. जनौरा
  7. अयोध्या मेला

यात्रा मार्ग

अयोध्या लखनऊ से 135 किलोमीटर और वाराणसी से 324 किलोमीटर है| अयोध्या में रेलवे स्टेशन है| मुगल सराय, वाराणसी, लखनऊ से सीधी गाड़ियाँ आती हैं| स्टेशन से सरयू नदी पांच किलोमीटर दूर है और कनक मंदिर करीब 3 किलोमीटर दूर|

लखनऊ, वाराणसी, प्रयाग और गोरखपुर से सड़क मार्ग से भी अयोध्या तीर्थ जुड़ा हुआ है|

4. कांचीपुरम

sapt puri name information in hindi

कांचीपुरम को कांची के नाम से भी जाना जाता है| यह तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई से 72 किलोमीटर दूर तोंडीमंडलम स्थान पर स्थित है|
कांची तीर्थ, वेगावथी नदी पर स्तिथ है| प्राचीन काल में कई हिन्दू राजाओं जैसे पल्लव, चोला, पांड्या ने राज किया था|

विष्णु के 108 मंदिरों में से 15 मंदिर कांचीपुरम में स्तिथ है|

दर्शनीय स्थल

  1. वरधाराजा पेरूमल मंदिर
  2. एकाम्बरेश्वर मंदिर
  3. कामाक्षी अम्मान मंदिर
  4. कुमारकोट्टम मंदिर

यात्रा मार्ग

यहाँ कांचीपुरम रेलवे स्टेशन है| चेन्नई इंटरनेशनल एअरपोर्ट इस शहर से 72 किलोमीटर दूर है|

इसके अलावा चेन्नई औरआस पास के सभी राज्यों और शहरों से यह तीर्थ बस सुविधा से जुड़ा हुआ है|

5. द्वारका

हिन्दू धर्म के 7 पवित्र शहर

द्वारका तीर्थ गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में स्तिथ है| यह शहर गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है| यह स्थान भगवान् कृष्ण की राजधानी के रूप में जाना जाता है|

पौराणिक कथा के अनुसार कंस का वध कर धर्म की स्थापना करने के बाद श्री कृष्ण द्वारका को ही अपना निवास स्थान बना लिया था|

यह शहर गुजरात की राजधानी भी रह चूका है|

द्वारका को मोक्षपुरी, द्वारकामती, द्वारकावती के नाम से भी जाना जाता है|

दर्शनीय स्थल

  1. द्वारकाधीश मंदिर
  2. रुक्मिणी देवी मंदिर
  3. बेट द्वारका समुद्री किनारा
  4. नागेश्वर मंदिर

यात्रा मार्ग

यह रोड, रेल और हवाई मार्ग से गुजरात के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है|

6. वाराणसी

बनारस

वाराणसी को बनारस और कशी के नाम से भी जाना जाता है| यह शहर उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे स्तिथ है|

वाराणसी शहर हिन्दुओं, जैन, बुद्धिज़्म के लिए पवित्र नगरी है| हिन्दू धर्म के सम्प्रदाय रविदासिया की भी स्थापना रविदासजी ने यहीं बनारस में ही की थी|

बनारस भक्ति आन्दोलन के कई संतों की जन्मभूमि रही है जिसमें कबीर, रविदास, का नाम प्रमुख है|

दर्शनीय स्थल

  1. अशोका पिलर
  2. भारत कला भवन
  3. भारत माता मंदिर
  4. धन्वन्तरी मंदिर
  5. दुर्गा मंदिर
  6. जंतर मंदिर
  7. कशी विश्वनाथ मंदिर
  8. संकट मोचन हनुमान मंदिर
  9. श्री विश्वनाथ मंदिररामनगर किला
  10. तुलसी मानस मंदिर

यात्रा मार्ग

लखनऊ से वाराणसी की दुरी करीब 320 किलोमीटर, अलाहबाद से 121 किलोमीटर है|

नेशनल हाईवे 2 भी बनारस के पास से होकर गुजरता है जिससे वाराणसी सभी बड़े शहरों से जुडा हुआ
है|

हवाई मार्ग के लिए बनारस में लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा मोजूद है|

7. उज्जैन ( अवंतिका )

उज्जैन - सप्तपुरी तीर्थ में एक शहर है

उज्जैन शहर को उज्जयनी और अवंतिका के नाम से भी जाना जाता है| यह हिन्दुओं के पवित्र सप्तपुरी तीर्थों में से एक है| उज्जैन क्षिप्रानदी के पास बसा हुआ है| यहाँ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर भी स्तिथ है|

हिन्दुओं का सबसे प्रसिद्द कुम्भ मेला भी हर बारह साल के बाद यहाँ लगता है|

दर्शनीय स्थल

  1. चिंतामन गणेश मंदिरगोपाल मंदिर
  2. इस्कोन मंदिर
  3. कल भैरव मंदिर
  4. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंगा
  5. मंगलनाथ मंदिर
  6. वेद शाला
  7. संदीपनी आश्रम
  8. कालियादेह पैलेस

यात्रा मार्ग

उजैन में रेलवे स्टेशन है जो भारत के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है| सड़क मार्ग से भी भारत के किसी भी कोने से यहाँ पहुंचा जा सकता है|

यहाँ अभी हवाई अड्डा नहीं है| सबसे पास का हवाई अड्डा होलकर इंटरनेशनल एअरपोर्ट इंदौर है|

आशा करते हैं आपको हमारे द्वारा दी गई सप्तपुरी तीर्थ के नाम की जानकारी और इतिहास ( sapt puri name information in hindi) से आपका ज्ञानवर्धन अवश्य हुआ होगा|

यह भी पढ़ें:-

भारत के 10 पवित्र शनि मंदिर

भारत के 15 प्रसिद्ध गणेश मंदिर

भगवान श्री गणेश के 8 अवतार

क्यों होते हैं माला में 108 दाने | क्यों करते हैं मन्त्र जाप में माला का प्रयोग

Share your love
Anurag Pathak
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

Articles: 553

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *