धार्मिक कर्म में कुश का महत्व क्यों…?
धार्मिक अनुष्ठानो में कुश ( दर्भ ) नामक घास से निर्मित आसन बिछाया जाता है | पूजा-पाठ आदि कर्मकांड करने से व्यक्ति के भीतर जमा आध्याधिक शक्ति-पुंज का संचय कहीं लीक होकर अर्थ न हो जाये अर्थात पृथ्वी में न…
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Sanskrit Shlokas भारतीय संस्कृति की नींव है, हजारों साल पहले लिखे गए वेदों और scriputres में संस्कृत में मानव के जीवन जीने की कला के सूत्र लिखे गए हैं|
इन दिए गए Sanskrit Shlokas में yoga, life Management, politics, राजनीती और अर्थशास्त्र (Economy) से सम्बंधित सूत्र (संस्कृत मंत्र) दिए गए है|
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इस केटेगरी में हम यहाँ सारे देवताओं के मंत्र जैसे ganesh, shiv, radha krishna, vishnu, durga mantra, kaal bherav देवताओं के मंत्र का कलेक्शन देने की कोशिश की है|
यहाँ हमने चार वेदों और पुराणों, भगवद गीता, रामायण से मानव के जीवन को सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक रूप से कुशल बनाने के लिए महत्वपूर्ण सूत्र दिए गए हैं, जिन्हें मनुष्य स्वस्थ और सफल जीवन जी सकता है| यह सूत्र एक अच्छा और प्रभावशाली बनने मैं भी आपको मदद करेंगे|
धार्मिक अनुष्ठानो में कुश ( दर्भ ) नामक घास से निर्मित आसन बिछाया जाता है | पूजा-पाठ आदि कर्मकांड करने से व्यक्ति के भीतर जमा आध्याधिक शक्ति-पुंज का संचय कहीं लीक होकर अर्थ न हो जाये अर्थात पृथ्वी में न…
धर्मग्रंथो में तीन बार आचमन करने के संबंध में कहा गया है- अर्थात् तीन बार आचमन करने से तीनो वेद यानी – ऋग्वेद, यजुर्वेद व सामदेव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाए पूर्ण करते है | मनु महाराज के मतानुसार- त्रिराचामेदप: पूर्वम…
इसमें कोई संदेह नहीं की आज तक जितने भी कार्य सिद्ध हुए है, उनमे व्यक्ति की साधना और संकल्प शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है | संकल्पवान व्यक्ति ही किसी भी प्रकार की सिद्धि का हकदार है और अपने लक्ष्य…
शास्त्रमत है की मौलि बांधने से त्रिदेव ब्रम्हा, विष्णु ओर महेश तथा तीनों देवियों, लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है | ब्रह्मा की अनुकंपा से कीर्ति और विष्णु की कृपा से रक्षा बल मिलता है तथा महेश…
हिन्दुओ के प्रत्येक धार्मिक- उत्सवों, पूजा-पाठ और शुभकार्यो की शुरुआत में सर्वप्रथम नारियल को याद किया जाता है | इसे शुभ, सम्रद्धि, सम्मान, उन्नति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है | देवी-देवताओ को नारियल की भेंट चढाने का प्रचलन…
भारतीय संस्कृति में प्रत्येक धार्मिक, सामाजिक और संस्कृतिक कार्यक्रम में दीपक जलाने की परंपरा है | ईएसआई मान्यता है कि अग्निदेव को साक्षी मानकर उसकी उपस्तिथि में किये गये कार्य अवश्य ही सफल होते है | हमारे शरीर की रचना…
पूजा-पाठ हो या कोई अन्य धार्मिक कार्य, उसमे जब यजमान को जब आसन पर बैठाया जाता है, तो सबसे पहले उस पर जल छिड़कते हुए पंडित यह मंत्रोच्चारण करते है– ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोSपि वा | यः स्मरेत्…
संसार के लगभग सभी देशों में बुरी नजर लगने के प्रभाव को जाना जाता है | जीवित प्राणियों पर ही नहीं, निर्जीव प्रदार्थ तक बुरी नजर लगने पर विकासग्रस्त हो जाते है | सुंदर वस्तुए खो जाती है, नष्ट हो…
भारतीय-संस्कृति में कर्मफल के सिद्धांत को विश्वासपूर्वक मान्यता प्रदान की गई है | मनुष्य को जो कुछ भी उसके जीवन में प्राप्त होता है, वह सब उसके कर्मो का ही फल है | मनुष्यके सुख-दुःख, लाभ-हानि, जीत-हारके पीछे उसके कर्मो…
वेसे तो साफ़ मन से की गई पूजा उत्तम होती है, लेकिन अगर आप कमल के पुष्पों से पूजा करते है तो उस पूजा का महत्व और बढ जाता है | भारतीय आध्यात्मदर्शन में कमल के पुष्प को अत्यंत पवित्र,…
जिस मंदिर में घंटा-घड़ियाल बजने की ध्वनि आती रहती है, उसे जाग्रत देवमंदिर कहा जाता है | मंदिरों के प्रवेशद्वारो पर घंटे लगाए जाते है, ताकि प्रभु का दर्शनार्थी इसे बजाकर अपने आने की सूचना दर्ज करा सके | आरती…
मनु महाराज का वचन है – अर्थात पहला जन्म माता के पेट से होता है और दूसरा यज्ञोपवीत धारण करने से होता है | माता के गर्भ से जो जन्म होता है, उस पर जन्म-जन्मांतरों के संस्कार हावी रहते है…