संसार के लगभग सभी देशों में बुरी नजर लगने के प्रभाव को जाना जाता है | जीवित प्राणियों पर ही नहीं, निर्जीव प्रदार्थ तक बुरी नजर लगने पर विकासग्रस्त हो जाते है | सुंदर वस्तुए खो जाती है, नष्ट हो जाती है | यहाँ तक कि सुंदर प्रतिमा बुरी नजर के प्रभाव से खंडित हो जाती है | बिना किसी पूर्वरोग के एकाएक बच्चा बीमार पड जाता है | दुधारू पशु गाय-भैस आदि को जब बुरी नजर लगती है तो उनका दूध सूख जाता है |
बुरी नजर लगने का आशय यह है कि जब कोई व्यक्ति अत्यधिक दुर्भावना या आकर्षण से एकाग्र होकर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखता है, तो उसकी बुरी बेधकद्रष्टि उस वस्तु पर दुष्प्रभाव डालती है | भूखे व्यक्ति की कुद्रष्टि आपके भोजन को विशैला बना सकती है | अतः भोजन जहा तक हो सके, अजनबियों के बीच नहीं करना चाहिए |

आमतोल पर बुरी नजर का प्रभाव कोमल चित्तवाले, बच्चों, महिलाओं और पालतू जानवरों पर देखा जाता है | इसके अलावा मकान, उद्योग, व्यापार, वाहन, दूकान आदि पर बुरी नजर का असर होता है | बच्चों पर बुरी नजर का प्रभाव शैशवावस्था में अधिक होता है | बुरी नजर के प्रभाव से अच्छा-भला बच्चा देखते-देखते ही बीमार पड जाता है | वह दूध पीना छोड़कर अधिक रोता है | चिडचिडा हो जाता है, ज्वर ग्रस्त हो जाता है | उसकी आखें चडी हुई-सी रहती है | पलकों की बरोनियां खड़ी तथा मुह से खट्टी गंध आने लगती है | अपच की शिकायत हो जाती है |
महिलाओ पर बुरी नजर का प्रभाव विवाह के समय, गर्भावस्था में बच्चा होने के बाद के समय में अक्सर होता है | वयस्क व्यक्ति को जब बुरी नजर लगती है, तो उसे मानसिक तनाव, बैचेनी, अशांति का अनुभव, शरीर की पीड़ा, ज्वर, मंदाग्नि आदि तकलीफे महसूस होती है |
कभी-कभी अपनों पर अपनों की ही नजर लग जाती है | अपने प्यारे पति या बच्चे को भरपूर नजर से देखकर जब कोई स्त्री उसके स्वास्थ्य या सोंदर्य की प्रशंसा करती है, तो बड़े-बूड़े या स्वयं पति ही उसे टोक देते है कि नजर मत लगाओ | इससे नजर का प्रभाव खत्म या कम हो जाता है |

बुरी नजर लगने से मूल में चिंतको ने मानवीयविधुत का अहितकर प्रभाव माना है | किसी-किसी व्यक्ति की दूषित द्रष्टि इतनी बेधक होती है की उससे बच्चे की शक्ति खिंचती है और वे उसके झटके को बर्दाश्त न करके बीमार हो जाते है | भेडिये की द्रष्टि से भेड़ और बिल्ली से कबूतर इतने अशक्त हो जाते है कि भाग भी नहीं पाते | इसी को आखों की शक्ति का सम्मोहन कहते है | नजर से बचाने के लिए काले टीके का या काले धागे के पीछे मान्यता यह है कि यह विधुत का सुचालक होता है | आमतोल पर देखने में आया है की आकाश की बिजली अक्सर काले आदमी, जानवर, सांप या अन्य काली वस्तुओ पर गिरती है | जाड़े के दिनों में काले कपडे अधिक गर्मी सोखते है | इसीलिए बच्चो को कपाल, हाथ-पैरो में और आँखों में काजल लगाया जाता है | पैर, हाथ, गले, कमर में काला धागा बांधा जाता है | काली बकरी का दूध पिलाया जाना और काली भस्म चाटना जैसे सभी कार्यो का उद्देश्य नजर के दुष्प्रभाव से बचाने की शक्ति ग्रहण करना है | बुरी नजर से बचने के लिए शेर का नाख़ून, नीलकंठ का पर, मूंज या तांबे का ताबीज गले में पहना जाता है | दूकानदार नींबू और हरी मिर्चे दुकान में लटका कर रखते है | ट्रकमालिक ट्रक के पीछे जूता लटकाते है | कारखाने वाले प्रवेशद्वार पर घोड़े की नाल लगाते है | मकान पर काली घंटिय टांगी जाती है | यह नजर की एकाग्रता भंग करने की द्रष्टि से किया जाता है |
और एक प्रसिद्ध कहावत भी है कि–