जानिये क्यों बजाते है मंदिरों में घंटे..?

Share your love

जिस मंदिर में घंटा-घड़ियाल बजने की ध्वनि आती रहती है, उसे जाग्रत देवमंदिर कहा जाता है | मंदिरों के प्रवेशद्वारो पर घंटे लगाए जाते है, ताकि प्रभु का दर्शनार्थी इसे बजाकर अपने आने की सूचना दर्ज करा सके | आरती के समय घंटे-घड़ियाल बजाने से जो लोग मंदिर के आस-पास होते है, उन्हें भीं यह पता चल जाता है की पूजा-आरती का समय हो गया है | सुबह-शाम मंदिरों में जब घंटे-घड़ियाल बजाये जाते है, तो छोटी घंटियों, घंटो के अलावाघड़ियाल भी बजाये जाते है | इन्हें विशेष ताल और गति से बजाना अधिक महत्वपूर्ण मन जाता है | एसा माना जाता है कि घंटा बजाने से मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठित मूर्ति के देवता भी जाग्रत हो जाते है, अन्यथा जब आप उनके दर्शन के लिए जाते है, तो वे अपनी समाधि में डूबे रह सकते है | ऐसे में आपकी पूजा-प्रार्थना प्रभावशाली नहीं होगीं | इसके अलावा घंटा बजने के पीछे यह मान्यता है कि इनकी ध्वनी से अनिष्ट करने वाली विपत्तियों से व्यक्ति बच जाता है | स्कंद्पुरण के अनुसार घंटानाद से मानव के सौ जन्मों के पाप कट जाते है |

कहा जाता है की समाधि के समय या पूर्व, योगियों को जो स्वर अपने भीतर सुनाई पड़ते है, वे वैसे ही होते है, जो घंटा और घड़ियाल को बजाने से पैदा होते है | जब स्रष्टि का प्रारंभ हुआ था, तब जो नाद था, घंटे की ध्वनि से वही नाद निकलता है | यही नाद ओंकार के उच्चारण से भी जाग्रत होता है | शिव के वाहन वृषभ ( नंदी ) को इस प्रकार के नाद का प्रतीक माना गया है | घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है, क्योंकि जब प्रलयकाल आएगा, तब भी इसी प्रकार का नाद प्रकट होगा |

Share your love
Default image
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

Articles: 386

Leave a Reply

close