श्री गणेश के कुछ रहस्य जो आप नहीं जानते | Amazing facts about lord Ganesha |

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Interesting and amazing facts about Lord Ganesha in Hindi :- श्री गणेश हिन्दू धर्म में प्रथम पूज्यनीय हैं| इनको हिन्दू पोराणिक कथाओं में कई नाम से वर्णित किया है जैसे गणपति, सिद्धिविनायक, वक्रतुंड, गजानन इत्यादि|

बाल गणेश भगवान् शिव के ज्येष्ठ पुत्र हैं| धर्म ग्रंथों और पुराणों में कई तथ्य श्री गणेश के बारे में वर्णित हैं| जो ज्यादातर आम जन नहीं जानते|

आज हम भगवान् श्री गणेश के बारे में कुछ पोराणिक, रोचक,तथ्यों के बारे में बात करेंगे जो आम जन के लिए एक रहस्य है

Interesting and amazing facts about Lord Ganesha in Hindi

interesting and amazing facts about lord ganesha

1 – भगवान् गणेश(ganesh) के नाम में ग(GA) ज्ञान को और न(NA) बुद्धि (अक्ल) को संबोधित करते हैं| इसीलिए गणपति बुद्धि और ज्ञान के देवता माने जाते है|

2 – गणेश, शिव और पार्वती के ज्येष्ठ(eldest) पुत्र हैं| मराठी, मलयालम, कन्नड़ में इन्हें विनायक(vinayaka), तमिल में विनायागार(Vianayagar) और तेलुगु में विनायाकुडू(vinayakudu) कहा जाता है|

3 – श्री गणेश का त्यौहार पूरे विश्व में मनाया जाता है| इनके भक्त गणपत(ganapatya) कहलाते हैं|

वैसे तो इनका त्यौहार गणेश चतुर्थी भाद्र पद महीने में पूरे भारत में हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है|

लेकिन महाराष्ट्रा मुंबई में भव्य और विशाल त्यौहार का आयोजन किया जाता है|

श्री गणेश और ॐ का संबंध:-

4 – श्री गणेश की शारीरिक सरंचना ॐ का प्रतीक है| जहाँ सबसे ऊपर का curve गणेशजी का मुख है| निचे का curve पेट और ॐ की मात्रा श्री गणेश की सूड (trunk) का प्रतीक है|

5 – शिव महापुराण के अनुसार श्री गणेश के शरीर का रंग हरा और लाल है|

6 – श्री गणेश को जो दूर्वा चढ़ाई जाती है वह जडऱहित, बारह अंगुल लंबी और तीन गांठों वाली होना चाहिए। ऐसी 101 या 121 दूर्वा से श्री गणेश का  पूजन करना चाहिए।

यहाँ click करके जानिये क्यों चढाते हैं श्री गणेश को दूर्वा 

7 – श्री गणेश हिन्दू धर्म के पांच प्रमुख देवताओं में से एक है ब्रह्मा, विष्णु, शिवा, दुर्गा और गणेशा| हिन्दू धर्म में पंचयतना(panchayatna) पूजा में इन पांच देवताओं को प्रमुख रूप से पूजा जाता है|

8 – शिव पुराण के अनुसार माँ पार्वती ने अपनी दो सखियों जया और विजया की सलाह पर श्री गणेश को बनाया था|इन्होने माँ पार्वती को सलाह दी, जितने भी यहाँ गण हैं सारे भगवान् शिव के आदेश का पालन करते हैं|

आपके आदेश का पालन करने वाला भी कोई होना चाहिए, इसलिए माँ पार्वती ने अपने शरीर पर लिपटे हुए चन्दन के मेल से गणेशजी का निर्माण किया|

9 – ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, देवी पार्वती ने बच्चे के लिए पुण्यक उपवास रखा था। इसका परिणाम शीघ्र आया और भगवान कृष्ण बच्चे के रूप में पार्वती के पुत्र बनकर आए।

10 – गणेश पुराण के अनुसार हमारे शरीर का मूलाधार चक्र भी गणेश कहलाता है|

11 – गणेश पुराण के अनुसार गणेश जी की 2 पत्नियाँ रिद्धि (समृद्धि) और सिद्धि (बौद्धिक आत्मज्ञान) हैं| इसके अलावा तो पुत्र शुभ (happiness) और लाभ(profit) हैं

12 – महाभारत को वेद ब्यास के कहने पर श्री गणेश ने ही लिखा था| वेद व्यास के अनुसार गणेश ही एक मात्र बुद्धिमान बालक थे जो महाभारत के मुश्किल श्लोकों को अर्थ सहित लिख सकते थे|

इसीलिए गणपति को बुद्धि का देवता माना जाता है|

13 – गणेश पुराण के अनुसार 8 गण होते हैं – मगण, नगण, भगण, यगण, जगण, रगण, सगण, तगण। इनके अधिष्ठाता देवता भी भगवान् गणेश हैं|

अक्षरों(Albhabets) को गण भी कहा जाता है| इसलिए गणपति विद्या-बुद्धि के दाता भी कहे गए हैं।

श्री गणेश का संबंध बोद्ध धर्म से

14 – श्री गणेश को हिन्दू धर्म के अलावा बोद्ध धर्म में भी पूजा जाता है| महायाना बोद्ध धर्म में इन्हें विनायका के नाम से जाना जाता है|

तिब्बत, चीन और जापान में गणपति की नाचते हुए कई प्रतिमा देखने को मिलती हैं| उत्तर चीन में 531 AD की प्राचीन गणेश प्रतिमा विराजमान है|

क्यों कहलाते हैं श्री गणेश एकदंत

15 – ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार एक बार भगवान् शिव हिमालय की गुफा में ध्यान मग्न थे| श्री गणेश उस गुफा के द्वार की सुरक्षा कर रहे थे, जिससे कोई भी शंकर को परेशान न करे|

तभी परशुराम शिव से मिलने आये और गणपति ने उन्हें अन्दर जाने से रोका| क्रोधित होकर परशुराम ने गणेश पर अपने फरसे से बार कर दिया|

हालाँकि श्री गणेश उनके आक्रमण का जवाब दे सकते थे| लेकिन फरसा स्वंम भगवान् शिव ने परशुरामजी को दिया था और वो अपने पिता का अपमान नहीं करना चाहते थे|

गणेश ने फरसे के वार को अपने एक दांत पर ले लिया और उनका एक दांत टूट गया| तभी से इन्हें एकदंत कहा जाता है|

श्री गणेश और केले का पेड़

16 – यह story वेस्ट बंगाल में मानी जाती है| इस कहानी के अनुसार एक बार माँ पार्वती ऐसे भोजन कर रही थी जैसे कभी खाया ही न हो|

माँ पार्वती की ऐसी हालत देख कर श्री गणेश ने माँ पार्वती से इसका कारण पूछा|

तब माँ पार्वती ने जवाब दिया| अगर तुम्हारी पत्नी अगर तुम्हे कई दिनों तक खाना न दे तो तुम क्या करोगे?

इसे सुन बाल गणेश एक केले का पेड़ लाये और माँ पार्वती से बोले ये है अब मेरी पत्नी|

इसीलिए वेस्ट बंगाल में दुर्गा पूजा पर केले के पेड़ को साडी और सिन्दूर लगा के गणेश जी के साथ उनकी पत्नी के रूप में सीधे हाथ पर बिठाने की परंपरा है|

इंडोनेशिया की करेंसी पर छपे हैं श्री गणेश

17 – Indonesia के 20,000 के नोट पर गणेश जी को दर्शाया गया है| Indonesia में Total 1.7% लोग हिन्दू हैं| इंडोनेशिया के बाली स्थान के 83% लोग हिन्दू धर्म का पालन करते हैं|

18 – श्री गणेश का गज मुख आत्मा का प्रतीक है| जो मनुष्य का असली स्वरुप है| गणपति का मनुष्य शरीर माया(संसार) का प्रतीक है जिसमे मनुष्य की आसक्ति(trapped) है

क्यों कहते हैं श्री गणेश को गजानन

19 – संस्कृत मे हाथी को गज(Gaja) भी कहते हैं| इसीलिए गणपति को गजानन और गजमुख के नाम से भी जाना जाता है| लेकिन “gaja” का धार्मिक अर्थ बहुत गहरा है|

“Ga” का अर्थ है गति, इसका अर्थ है पूरा संसार गतिमान है और अपने परम(ulitmate) उद्देश्य की तरफ बढ़ रहा है|

“ja” का अर्थ है जन्म और Birth. अर्थार्थ गणेश हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसे देवता हैं, जिनसे पूरा संसार प्रारंभ हुआ है और उन्ही की तरफ सारा संसार बढ़ रहा है उन्ही में समाने के लिए|

20 – ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार एक बार तुसली देवी गंगा किनारे से गुजर रही थी| वही श्री गणेश अपनी तपस्या में लीन थे| श्री गणेश के सुन्दर स्वरुप को देखकर तुलसीजी ने उनसे विवाह विवाह करने की इच्छा जाहिर की|

श्री गणेश ने उन्हें इंकार कर दिया और कहा में बाल ब्रह्मचारी हूँ| इस अपमान से क्रोधित होकर तुलसी जी ने श्री गणेश को 2 विवाह होने का श्राप दे दिया और श्री गणेश ने उन्हें वृक्ष बनने का

यहाँ click करके जानिए क्यों नहीं चढाते तुसली श्री गणेश को 

21 – शिवपुराण के अनुसार एक बार भगवान् शिव त्रिपुर राक्षस का नास करने के लिए जा रहे थे| लेकिन गणेश भगवान् का पूजन करना भूल गए| रास्ते में उनके रथ का पहिया टूट गया और यात्रा में बाधाएं आने लगी|

तभी उन्हें ध्यान आया की वो गणेशजी का पूजन करना तो भूल ही गए| तब उन्होंने गणेश जी का विधिवत पूजन किया और त्रिपुर राक्षस का नाश किया|

क्यों काटा शंकर ने श्री गणेश का सर

22 – ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार एक बार भगवान् शिव ने क्रोध में आकर त्रिशूल से सूर्य देव पर आक्रमण कर दिया| सूर्य देव इससे घायल हो गए|

इससे घायल होकर सूर्य देव के पिता ऋषि कश्यप ने शिव को श्राप दिया जैसे तूने मेरे पुत्र को घायल किया है, वैसे ही तू अपने पुत्र पर भी इसी तरह से क्रोध में आकर उनके प्राण संकट में डाल देगा|

friends, we hope you must have like our collection of interesting and amazing facts about lord ganesha in hindi. श्री गणेश के बारे में ये सारे रोचक तथ्य और रहस्य ग्रंथों में पोराणिक कहानियों के माध्यम से वर्णित किये गए है|

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Anurag Pathak
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

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