भाग्य पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित | Sanskrit shlokas on fortune with Hindi meaning

Share your love

भाग्य पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित | Sanskrit shlokas on fortune with Hindi meaning

भाग्य और सोभाग्य पर संकृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित

यथा ह्येकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत्।
एवं परुषकारेण विना दैवं न सिद्ध्यति।।

हिंदी अर्थ – जैसे एक पहिये से रथ नहीं चल सकता। ठीक उसी प्रकार बिना पुरुषार्थ के भाग्य सिद्ध नहीं हो सकता है।

देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:।
गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।

हिंदी अर्थ – भाग्य रूठ जाये तो गुरू रक्षा करता है। गुरू रूठ जाये तो कोई नहीं होता। गुरू ही रक्षक है, गुरू ही शिक्षक है, इसमें कोई संदेह नहीं।

मूढ़ैः प्रकल्पितं दैवं तत परास्ते क्षयं गताः।
प्राज्ञास्तु पौरुषार्थेन पदमुत्तमतां गताः।।

हिंदी अर्थ– भाग्य की कल्पना मूर्ख लोग ही करते हैं। बुद्धिमान लोग तो अपने पुरूषार्थ, कर्म और उद्द्यम के द्वारा उत्तम पद को प्राप्त कर लेते हैं।

मूढ़ैः प्रकल्पितं दैवं तत परास्ते क्षयं गताः।
प्राज्ञास्तु पौरुषार्थेन पदमुत्तमतां गताः।।

अर्थ- भाग्य की कल्पना मूर्ख लोग ही करते हैं। बुद्धिमान लोग तो अपने पुरूषार्थ, कर्म और उद्द्यम के द्वारा उत्तम पद को प्राप्त कर लेते हैं।

देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:।
गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।

हिंदी अर्थ:- देवताओं के रूठ जाने पर गुरु रक्षा करते हैं, किंतु गुरु रूठ जाए, तो उस व्यक्ति के पास कोई नहीं होता। गुरु ही रक्षा करते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। इसका मतलब यह है कि अगर पूरा विश्व व भाग्य
भी किसी से विमुख हो जाए, तो गुरु की कृपा से सब ठीक हो सकता है। गुरु सभी मुश्किलों को दूर कर सकते हैं, लेकिन अगर गुरु ही नाराज हो जाए, तो कोई अन्य व्यक्ति मदद नहीं कर सकता।

विद्या नाम नरस्य कीर्तिरतुला भाग्यक्षये चाश्रयो
धेनुः कामदुधा रतिश्च विरहे नेत्रं तृतीयं च सा ।
सत्कारायतनं कुलस्य महिमा रत्नैर्विना भूषणम्
तस्मादन्यमुपेक्ष्य सर्वविषयं विद्याधिकारं कुरु ॥

हिंदी अर्थ- विद्या अनुपम कीर्ति है; भाग्य का नाश होने पर वह आश्रय देती है, कामधेनु है, विरह में रति समान है, तीसरा नेत्र है, सत्कार का मंदिर है, कुल-महिमा है, बगैर रत्न का आभूषण है; इसलिए अन्य सब विषयों को छोडकर
विद्या का अधिकारी बन.

व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं।
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥

हिंदी अर्थ:- व्यायाम से स्वास्थ्य, लम्बी आयु, बल और सुख की प्राप्ति होती है। निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं॥

चक्रारपंक्तिरिव गच्छति भाग्यपंक्तिः ।
चक्र के आरे की तरह भाग्यकी पंक्ति उपर-नीचे हो सकती है

भाग्यं फ़लति सर्वत्र न विद्या न च पौरुषम् ।

हिंदी अर्थ:- भाग्य हि फ़ल देता है, विद्या या पौरुष नहीं ।

चराति चरतो भगः ।

हिंदी अर्थ:- चलेनेवाले का भाग्य चलता है ।

उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मी-
-र्दैवेन देयमिति कापुरुषा वदन्ति |
दैवं निहत्य कुरु पौरुषमात्मशक्त्या
यत्ने कृते यदि न सिध्यन्ति कोत्र दोषः ||

हिंदी अर्थ:- लक्ष्मी (धन की देवी) कर्म करने वाले पुरुष-सिंह के पास आती है, “देवता (भाग्य) देने वाला हैं” ये तो कायर पुरुष कहते हैं | इसलिए देव (भाग्य) को छोड़ कर अपनी शक्ति से पौरुष (कर्म) करो, प्रयत्न करने पर भी
यदि कार्य सिद्ध नहीं होता है तो तुम्हारी क्या कमी (दोष) है ? (आपका कोई दोष नहीं है)

साहित्य-संगीत-कला-विहीनः पुच्छ-विषाण-हीनः
साक्षात् पशुः तृणम् न खादन् अपि जीवमानः, तद् पशूनाम् परमम् भाग-धेयं ।

अर्थ – जो मनुष्य साहित्य, संगीत, कला, से वंचित होता है वह बिना पूंछ तथा बिना सींगों वाले साक्षात् पशु के समान है । वह बिना घास खाए जीवित रहता है यह पशुओं के लिए निःसंदेह सौभाग्य की बात है ।

साहित्य संगीन कलाविहीनः।
साक्षात् पशुः पुच्छविषाणहीनः।
तृणं न खादन्नपिजीवमानः।
तद्भागधेयं परमं पशूनाम्।।

हिंदी अर्थ:- जो व्यक्ति साहित्य संगीत व कला से रहित है, वह पूँछ तथा सींगों बिना साक्षात् पशु के समान है। यह पशुओं के लिए सौभाग्य की बात है कि ऐसा व्यक्ति चारा न खाते हुए भी जीवन धारण करता है।

संयोजयति विद्यैव नीचगापि नरं सरित् ।
समुद्रमिव दुर्धर्षं नृपं भाग्यमतः परम् ।।

हिंदी अर्थ:- प्रवाह में बहेनेवाली नदी नाव में बैठे हुए इन्सान को न पहुंच पानेवाले समंदर तक पहुंचाती है, वैसे हि निम्न जाति में गयी हुई विद्या भी, उस इन्सान को राजा का समागम करा देती है; और राजा का समागम होने के बाद उसका भाग्य खील उठता है।

Share your love
Anurag Pathak
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

Articles: 553

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *