पुत्र पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित | Sanskrit Shlokas on Son with meaning in Hindi | बेटे पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित
दोस्तो, पुत्र और पुत्री दोनों का अपना अपना महत्त्व है| न तो पुत्री, पुत्र का स्थान ले सकती है और न ही पुत्र, पुत्री का| दोनों का अपना अपना महत्त्व है|
हमारे धर्म शास्त्रों में पुत्र (बेटे) का महत्त्व और इसकी महिमा का संस्कृत श्लोक में गुणगान किया गया है| कुछ संस्कृत श्लोक का संकलन हमने किया है जो पुत्र से सम्बंधित है|
बेटे पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित
एकेनापि सुपुत्रेण विद्यायुक्ते च साधुना।
आह्लादितं कुलं सर्वं यथा चन्द्रेण शर्वरी॥
हिंदी अर्थ :- जिस प्रकार अकेला चन्द्रमा रात की शोभा बढ़ा देता है, ठीक उसी प्रकार एक ही विद्वान -सज्जन पुत्र कुल की शोभा और ख्याति बढ़ा देता है|
किं जातैर्बहुभिः पुत्रैः शोकसन्तापकारकैः।
वरमेकः कुलावल्भबो यत्र विश्राम्यते कुलम्॥
हिंदी अर्थ:- शौक और सन्ताप उत्पन करने वाले अनेक पुत्रों के पैदा होने से कोई लाभ नहीं, ऐसे ज्यादा पुत्रों से क्या लाभ | कुल को सहारा देने वाला ज्ञानी, कर्मठ और धन कमाने वाला एक ही पुत्र श्रेठ है, जिसके सहारे सारा कुल विश्राम करता है।
लालयेत् पंचवर्षाणि दशवर्षाणि ताडयेत्।
प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत्॥
हिंदी अर्थ:- पुत्र का पांच वर्ष तक लालन करे । दस वर्ष तक ताड़न करे । सोलहवां वर्ष लग जाने पर उसके साथ मित्र के समान व्यवहार करना चाहिए ।
एकोऽपि गुणवान् पुत्रो निर्गुणैश्च शतैर्वरः।
एकश्चन्द्रस्तमो हन्ति न च ताराः सहस्रशः॥
हिंदी अर्थ:- जिस प्रकार एक चाँद ही रात्रि के अन्धकार को दूर करता है, असंख्य तारे मिलकर भी रात्रि के गहन अन्धकार को दूर नहीं कर सकते|
उसी प्रकार एक गुणी पुत्र ही अपने कुल का नाम रोशन करता है, उसे ऊंचा उठता है । सैकड़ों निकम्मे पुत्र मिलकर भी कुल की प्रतिष्ठा को ऊंचा नहीं उठा सकते।
मूर्खश्चिरायुर्जातोऽपि तस्माज्जातमृतो वरः।
मृतः स चाल्पदुःखाय यावज्जीवं जडो दहेत्॥
हिंदी अर्थ:- मुर्ख पुत्र के चिरायु होने से मर जाना अच्छा है, क्योंकि ऐसे पुत्र के मरने पर एक ही बार दुःख होता है, जिन्दा रहने पर वह जीवन भर जलता रहता है।
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