समय पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित | Sanskrit shlokas on Time with meaning in Hindi

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समय (काल) पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित | Sanskrit shlokas on Time with meaning in Hindi

काल पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित

बलिनो मृत्युसिंहस्य संसारवनचारिणः ।
शृण्वन व्याधिजरानादान कथं तिष्डसि निर्भयः ॥

हिंदी अर्थ:- संसाररुप वन में घूमते, बलवान मृत्युरुप सिंह की व्याधि- जरा रुप गर्जनाएँ सुनकर भी, अब तक तू निर्भय कैसे खडा है ?

किं श्रिया कि कामेन किमीहितैः ।
दिनैः कतिपयैरेव कालः सर्वं निकृन्तति ॥

हिंदी अर्थ:- लक्ष्मी, राज्य, कामना, ये सब किस काम के? थोडे हि समय में काल सब फाड खायेगा!

निश्चित्वा यः प्रक्रमते नान्तर्वसति कर्मणः।
अवन्ध्यकालो वश्यात्मा स वै पण्डित उच्यते।।

हिंदी अर्थ – जिसके प्रयास एक दृढ़ प्रतिबध्दता से शुरू होते हैं जो कार्य पूर्ण होने तक ज्यादा आराम नहीं करते हैं जो समय बर्बाद नहीं करते हैं और जो अपने विचारों पर नियन्त्रण रखते हैं वह बुद्धिमान है।

पुनः प्रभातं पुनरेव शर्वरी पुनः शशांकः पुनरुद्यते रविः ।
कालस्य किं गच्छति याति यौवनं तथापि लोकः कथितं न बुध्यते ॥

हिंदी अर्थ:- फिर से प्रभात, फिर से रात्रि, फिर से चंद्र, और फिर से सूरज का उगना! काल का क्या जाता है ? कुछ नहीं; यह तो यौवन जाता है, (पर) लोग कहाँ समज़ते हैं?

स्वमस्तकमारूढं मृत्युं पश्येज्जनो यदि ।
आहारोऽपि न रोचते किमुतान्या विभूतयः ||

हिंदी अर्थ:- यदि मानव अपने मस्तक पर सवार मृत्यु को देखें, तो उसको खाना भी नहीं रुचता, तो फिर दूसरों की संपत्ति का तो क्या पूछना ?

श्वः कार्यमद्य कुर्वीत पूर्वान्हे चापरान्हिकम्।
न हि प्रतीक्षते मृत्युः कृतमस्य न वा कृतम्।।

हिंदी अर्थ–जिस काम को कल करना है उसे आज और जो काम शाम के समय करना हो तो उसे सुबह के समय ही पूर्ण कर लेना चाहिए। क्योंकि मृत्यु कभी यह नहीं देखती कि इसका काम अभी भी बाकी है।

म्रियमाणं मृतं बन्धुं शोचन्ते परिदेविनः ।
आत्मनं नानुशोचन्ति कालेन कवलीकृतम् ॥

हिंदी अर्थ:- शोक करनेवालें, मरनेवाले या मरे हुए बंधु का शोक करते हैं; लेकिन काल का निवाला बने हुए, अपने लिए शोक नहीं करते (कर सकते)!

काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमतां।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा।।

हिंदी अर्थ – बुद्धिमान लोग काव्य-शास्त्र का अध्ययन करने में अपना समय व्यतीत करते हैं। जबकि मुर्ख लोग निंद्रा, कलह और बुरी आदतों में अपना समय बिताते हैं।

यथा व्यालगलस्थोऽपि भेको दर्शानपेक्षते ।
तथा कालहिना ग्रस्तो लोको भोगानशाश्वतान् ॥

हिंदी अर्थ:- जैसे साँप के मुख में रहा रहा मेण्डक धाव की अपेक्षा रखता है, वैसे कालरुप सर्प से ग्रस्त मानव, अशाश्वत भोग इच्छता है।

विभवे भोजने दाने तिष्ठन्ति प्रियवादिनः।
विपत्ते चागते अन्यत्र दृश्यन्ते खलु साधवः।।

अर्थ- मनुष्य के सुख- समृद्धि के समय, खान- पान और मान के समय चिकनी चुपड़ी बातें करने वालों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन विपत्ति के समय केवल सज्जन पुरुष ही साथ दिखाई पड़ते हैं।

कालः समाविषमकरः परिभवसंमानकारकः कालः ।
बालः करोति पुरुषं दातारं या चितारं च ॥

हिंदी अर्थ:- काल सम और विषम करनेवाला, अपमान और सन्मान करनेवाला है; काल हि मनुष्य को दातार और भिक्षुक बनाता है।

इदमद्य करिष्यामि श्वः कर्तास्मि इति वादिनम् ।
कालो हरति संप्राप्तो नदीवेग इव द्रुमम् ॥

हिंदी अर्थ:- जैसे नदी का वेग पेड को ले जाता है, वैसे आ पहँचा काल, “आज यह करूँगा, कल वह करूँगा” ऐसा बोलनेवाले को ले जाता है।

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Anurag Pathak
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

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