रूपांशु चौधरी/हजारीबाग पूर्वांचल की फेमस मिठाई लौंगलता के दीवाने आपको हर जगह मिल जाएंगे | झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश में कई जगह मिष्ठान भंडार में इसे बना कर बेचते है| ऐसे ही हजारीबाग के एकपाठिया मोहल्ले में स्तिथ दुकान बहुत कम समय में अपने लौंगलता के लिए फेमस हो गयी|
हिंदुस्तान स्वीट्स के संचालक संगम लाल मद्धेशिया ने कहा, कि उनके मद्धेशिया समाज में कई सदियों से मिठाई बनाने का काम करते आ रहा हैं| वह इन सब से हटकर वह पूर्व में अपने घर में किराने की दुकान का संचालन किया करते थे| कोविड के दौरान जब किराने की दुकान के व्यापार में घाटा हो गया और पूंजी खतम हो गई तो उन्होंने अपनी किराने की दुकान बंद कर मिठाई की दुकान खोल ली| उस समय से ही वो समोसा और लौंगलता बना कर बेचने का काम कर रहे है|
रोजाना 700 पीस लौंगलता के खत्म हो जाते है |
उन्होंने आगे कहा कि यहां के लोग उनके लौंगलता को काफी पसंद करते हैं, जिस कारण से उनका व्यापार चलने लगा, अभी वह अपनी लौंग लता और समोसा की दुकान से ही अपनी बेटी को दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करवा रहे हैं और बेटा रांची में एमबीए की पढ़ाई कर रहा है अभी दुकान में रोजाना लगभग 700 पीस लौंगलता की खत्म हो जाती है. उनकी दुकान में लौंगलता की कीमत 10 रूपए पीस है|
ऐसे तैयार होता हैं स्वादिष्ट लौंगलता
लौंगलता बनाने के लिए सबसे पहले मैदा को पानी और सोडा के साथ मिलकर गूदा जाता है| फिर उसे बेल कर पूड़ी तैयार की जाती है, इसके बाद खोवा, बादाम और अन्य ड्राई फ्रूट उसमें भरे जाते हैं, फिर इसके बाद उसमें लौंग की मदद से पैक कर दिया जाता है. इसे गरमा-गरम तेल में हल्के आंच पर फ्राई किया जाता है और फिर एक तार की चासनी में डूबा कर गरमा-गरम लोगों को परोसा जाता है|