what is Spleen in Hindi | spleen function (work) location problems in Hindi | तिल्ली (प्लीहा) क्या है और इसके कार्य
Spleen शरीर का एक ऐसा अंग है जो सभी Vertebrates (रीड की हड्डी वाले जानवर) में पाया जाता है| यह अंग मानव शरीर में मुट्ठी के आकार का होता है|
सरल भाषा में कहें इस अंग का काम ब्लड (खून) को साफ़ करना होता है| लेकिन खून को साफ करने के अलावा भी इसके अन्य कार्य हैं आगे विस्तार से चर्चा करेंगे|
Anatomy (शारीरिक सरंचना):-
जैसा की हमने ऊपर बताया इसका आकर लगभग मानव मुट्ठी (fist) जैसा होता है, रंग बेंगनी| यह हमारे शरीर में diaphragm(मध्यपट) के बायें हिस्से के निचे स्थित होती है|
यह अंग करीब करीब मानव शरीर की 9वी, 10वीं और 11वीं पसली के निचे स्थित होता है|
इसकी सतह चिकनी और आकार उत्तल (Convex) होता है और इसका मुह मानव शरीर के diaphragm की तरफ रहता है|
जैसा की आप ऊपर छायाँ चित्र में देख सकते हैं| इसका पीछे का हिस्सा एक ridge (उभाड) के द्वारा दो भागों में विभाजित होता है|
आतंरिक पेट का हिस्सा (An Interior gastric portion) और पीछे का गुर्दे का हिस्सा ( Posterior renal
portion) इसके दो भाग हैं|
इसका gastric हिस्सा concave आकार का होता है, और stomach (पेट) की पीछे की दीवार को touch करता है||
इसका निचे का हिस्सा अग्न्याशय (pancreas) की पूंछ को touch करता है| इसका renal surface लगभग समतल आकार का, gastric surface से थोडा छोटा होता है|
इसका एक भाग बायें हाथ की किडनी और अधिवृक्क ग्रंथि (adrenal gland) के touch में रहता है|
Measurements(माप):-
स्वस्थ मानव शरीर में spleen की लम्बाई करीब 7 सेंटीमीटर से 14 सेंटीमीटर तक होती है| इसका वजन लगभग 150 ग्राम से 200 ग्राम तक होता है|
Blood Supply:-
spleen के बिलकुल बीच में एक दरार रहती है जिसे hilum कहते है| इससे Gastrosplenic ligament जुड़े रहते हैं|
इस दरार से splenic artery (यह ऑक्सीजन से युक्त खून spleen तक लेके आती है) और splenic vein (यह
कार्बनडाइऑक्साइड युक्त खून spleen से लेके जाती हैं|) जुडी रहती हैं|
इसके अन्दर lymphatic vessels और nerves (लसिका तंत्रिकायें) के लिए भी अलग स्थान होता है|
Spleen, Lymphetic System (लसिका तंत्र) का एक हिस्सा होता है| इसका मुख्य कार्य खून को साफ़ करना और कीटाणुओं को मारना होता है
Functions of Spleen in Hindi
Spleen (तिल्ली) में 2 एरिया होते हैं जिन्हें लाल पल्प (Red Pulp) और सफेद पल्प (white Pulp) कहा जाता है| आप ऊपर दिए गए चित्र से बेहतर समझ पायेंगे||
इन दोनों क्षत्रों के अलग कार्य होते हैं|
Red Pulp Function:-
Red Pulp लाल रक्त कणिकाओं को शुद्ध करने का कार्य करता हैं| जब spleen में से रक्त एक संकरे रास्ते से होकर निकलता है|
स्वस्थ रक्त कणिका आसानी से इस संकरे रास्ते को पार कर लेती हैं लेकिन अस्वस्थ रक्त कणिका यही रह जाती हैं|
spleen में उपस्थित macrophages इन अस्वस्थ रक्त कणिकाओं को तोड़ कर नष्ट कर देते हैं|
macrophages बड़ी white blood cells होती हैं जो अस्वस्थ Red Blood Cells को नष्ट करने में एक्सपर्ट होती हैं|
इन कणिकाओं में उपस्थित आयरन और अन्य महत्वपूर्ण तत्वों को स्टोर कर लेते हैं जो आगे नई red blood cells बनाने में काम आती हैं|
spleen आयरन को ferritin और bilirubin की फॉर्म में स्टोर करके इसे Bone Merrow को ट्रान्सफर कर देती हैं जहाँ हीमोग्लोबिन बनता हैं|
दूसरा इसका कार्य रक्त को स्टोर करना हैं| इस अंग में उपस्थित vessels जरुरत के अनुसार अपने आकर को बड़ा और छोटा कर सकती हैं|
किसी गहरी चोट के समय जब आपके शरीर को रक्त की जरूरत होती है| तो spleen स्टोर किया हुआ रक्त बॉडी को उपलव्ध कराती हैं|
White Pulp Functions:-
White Pulp बाहरी बेक्टेरिया को मारने का कार्य करता है| जब भी हमारे रक्त में कोई बाहरी घातक बेक्टेरिया प्रवेश करता हैं|
Spleen, लसिका तंत्र (Lymph Nodes) के साथ मिलकर एक सफेद रक्त कणिकाओं (lymphocytes) का निर्माण करती हैं|
यह lymphocytes एक स्पेशल एंटीबाडीज प्रोटीन का निर्माण करती हैं जो बेक्टेरिया और वायरस को नष्ट कर देती हैं|
स्वेत रक्त कणिका germs को trap करके संक्रमण (Infection) को भी फेलने से रोकती हैं|
Other Functions:-
spleen Opsonins, properdin, tuftsin जैसे तत्वों का भी निर्माण करता हैं
क्या आप तिल्ली (प्लीहा) के बिना जिन्दा रह सकते हैं:-
वेसे तो spleen एक महत्वपूर्ण अंग है लेकिन यदि यह अंग शरीर में न हो और किसी कारणवश इसे सर्जरी के द्वारा निकलना पड़े तो भी एक इंसान इसके बिना जिन्दा रह सकता हैं|
spleen की अनुपस्तिथि में इसके सारे कार्य लीवर और lymphetic प्रणाली के द्वारा किये जाते हैं| लेकिन इसके बिना आसानी से इन्फेक्शन का खतरा रहता हैं|
इसलिए डॉक्टर मरीज को विशेष एतियाह्त रखने के लिए बोलता हैं| मरीज को हो सकता हैं डेली एक एंटीबायोटिक
टेबलेट भी खानी पड़ सकती है|
Spleen problems and diseases in Hindi:-
तिल्ली से जुडी बीमारियाँ:-
Enlarged Spleen (splenomegaly):-
इस रोग में spleen का आकार बढ़ जाता है, इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कैंसर, blood based leukemias,
thalassemia.
Rupture of Spleen:-
तिल्ली का फट जाना जैसे रोड एक्सीडेंट,
spleen Deflation:-
इस कंडीशन में spleen का आकार 40% तक कम हो जाता है, यह ज्यादा वजन उठाने वाली excercise और hypoxic गैस inhale करने से हो सकता हैं|
Decreased Function:-
इस कंडीशन को Asplenia कहते हैं, इस बीमारी में तिल्ली काम करना बंद कर देती है| यह किसी एक्सीडेंट और
sickle cell anaemia जैसी बिमारियों से हो सकता हैं|
इस बीमारी में रक्त में श्वेत रक्त कणिकाओं और प्लेटलेट्स का प्रवाह ज्यादा हो जाता है| जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है|
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