Shani shingnapur story in Hindi | Shani shingnapur History in Hindi | श्री शनि शिन्ग्नापुर की कहानी और पौराणिक कथा | शनि शिन्ग्नापुर जाने का रास्ता ट्रेन से और बस से
दोस्तो, आज हम बात करेंगे एक ऐसे चमत्कारिक मंदिर के बारे में, जिससे जुडी हुई है कई पोराणिक कथाएँ| जी हाँ दोस्तो हम बात कर रहे हैं शनि शिंगणापुर मंदिर के बारे में| शायद आपने सुना हो|
लेकिन दोस्तों आज इस आर्टिकल में विस्तार से इस अधवुत मंदिर की कहानी ( Shani shingnapur story in hindi) की हिंदी में चर्चा करेंगे|
शनि शिंगणापुर मंदिर का इतिहास | Shani Shingnapur Temple History In Hindi
दोस्तो, वैसे तो सूर्य पुत्र शनि देव के कई मंदिर भारत में स्थित है| लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनका अपना अलग महत्व है| और इन मंदिरों के साथ कुछ धार्मिक कहानियां भी जुडी हुई हैं| ऐसा ही एक मंदिर है शनि शिंगणापुर|

यह मंदिर महाराष्ट्रा के अहमदनगर जिले के पास एक गाँव शिंगणापुर में स्थित है| इसलिए इसे शनि शिंगणापुर मंदिर कहा जाता है| अहमदनगर से इस मंदिर की दूरी 35 KM है|
इस मंदिर की विशेषता यह है, की शनि महाराज की पाषाण काले रंग की मूर्ति बिना किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान में एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजमान है| इस मूर्ति की ऊचाई लगभग 5.9 फीट है और चोड़ाई करीब 1.6 फीट है|

शनि देवजी की मूर्ति के साथ में एक त्रिशूल लगा हुआ है, जो शिव भगवान का प्रतीक है| एक नंदी की प्रतिमा जिसका मुख दक्षिण की तरफ है| शनि देवजी की प्रतिमा के सामने शिवजी और हनुमानजी की छोटी मूर्ति भी चबूतरे पर विराजमान हैं|
इस मंदिर की विशेषता :-
यह मंदिर स्वंम एक जागृत देवास्थान “jagrut devasthan” (lit. “alive temple”) कहलाता है| इसका तात्पर्य (Meaning) ये है, ऐसा माना जाता है शनि देव साक्षात् इस मंदिर में निवास करते हैं| इस गाँव में अगर कोई भी इंसान चोरी करता है, तो भगवान् शनि स्वंम उसे सजा देते हैं|
यहाँ भगवान् शनि देव जी की मूर्ति स्वयंभू है, अर्थार्थ शनि देव की पाषाण प्रतिमा को किसी इंसान ने बनाया नहीं है| ये प्रतिमा स्वयंम पृथ्वी के गर्भ से धरातल पर अवतरित हुई है|

ये प्रतिमा कितनी पुरानी है और किसने इसको यहाँ स्थापित किया| इसके बारे में ऐसी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है| लेकिन कई किवदंतियां और पोराणिक कथाएँ प्रचलित हैं जिनके बारे में आर्टिकल में आगे चर्चा करेंगे| तब तक बने रहिये हमारे साथ|
हालाँकि गाँव वाले कहते है, ये प्रतिमा एक गडरिये को मिली थी| जिसे बाद में गाँव के लोगो ने गाँव में स्थापित कर दिया| ऐसा माना जाता है, ये प्रतिमा कलियुग के प्रारंभ से ही अस्तित्व में है|
Shani shingnapur Temple Importance ( महत्व ) :-
शनि देव न्याय के देवता माने जाते हैं| ऐसा माना जाता है, शनि महाराज कर्मों के अनुसार सजा और फल देते हैं| अगर किसी के जीवन में बुरा समय चल रहा है तो यह कहा जाता है शनि की महा दशा उस पर चल रही है|

जिन भक्तों पर शनि की निगाह टेडी है, वो यहाँ इस मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर शनि देव को मानते हैं| देश विदेश से शनि भक्त यहाँ आते हैं| शनि अमाव्यस्या और शनि जयंती का अपना एक विशेष महत्व है| इस दिन श्रधालुओं के लिए विशेष प्रवंध किये जाते हैं|
श्रद्धालु भगवान शनि की प्रतिमा को पानी और तेल के साथ स्नान करातें हैं और फूल चढ़ाते हैं। मेले के दिन शनि भगवान् की पालखी का आयोजन किया जाता है।
shani shingnapur a village without doors – एक गाँव जहाँ नहीं हैं घरों में ताले :-
शिंगणापुर गाँव के लोगों का मानना है, इस गाँव पर साक्षात् शनि देव की कृपा है| इस गाँव में किसी भी घर में दरवाजे नहीं है| यहाँ बहार से आने वाले लोग भी अपने अपने वाहनों को बिना ताला चाबी लगाए खुला छोड निशिंत घुमते हैं|

कीमती सामान हीरे जवाहरात सोना चांदी को भी तिजोरियों में नहीं रखा जाता| और तो और यहाँ बैंकों और डाकखाने में भी गेट या दरवाजे नहीं हैं|
गाँव वालों का विश्वास है, की चोरी करने वाले को स्वयंम शनि देव सजा देते है| चोरी करने वाला चोरी करने के बाद इस गाँव से बहार नहीं जा पाता| उससे पहले ही उसके जीवन में संकट आने शुरू हो जाते हैं|
शनि शिंगणापुर मंदिर की पौराणिक कथा | Shani Shingnapur Story in Hindi
Friends, Today we will talk about shani shingnapur story in Hindi in detail. Be with us till End.
करीब 300 साल पेहले गाँव और आस पास के इलाके में भयंकर बारिश हुई और बाड़ जैसे हालात हो गए| पास में ही पनासनाला नदी के किनारे पर एक अजीबोगरीब काले रंग का पाषाण पत्थर कहीं से आ गया| लोग उस पत्थर को देख कर हेरान थे|
किस्से कहानियों में बताते हैं, की एक गाँव वाले ने उस पत्थर पर किसी नुकीली चीज़ से प्रहार किया| तो उस पत्थर में से खून के रंग के जैसा कुछ निकलने लगा| ये देखकर वह डर गया और गाँव भाग आया|
एक रात शनि देव ने गाँव के एक गडरिये को स्वप्न में बताया की वो मेरी प्रतिमा है| उस मूर्ति को लाकर गाँव में स्थापित करो|
गडरिये ने स्वप्न की बात गाँव वालों को बताई| और गाँव वाले प्रभु इच्छा मान कर उस पत्थर को लेन निकल पड़े| लेकिन उस पत्थर को वहां से हिला भी न पाए
प्रभु शनि देव ने गडरिये को दुसरे दिन फिर स्वप्न में बताया| की कोई सगे मामा भांजा ही मेरी प्रतिमा को वहां से गाँव ला सकते हैं| गाँव वालों ने जैसा शनि देवजी ने कहा और किया| और शनि महाराज की प्रतिमा को गाँव में एक खुले स्थान पर स्थात्पित कर दिया|
मूर्ति स्थापित होने के बाद, शनि देव ने गाँव वालों को स्वप्न दिया और कहा| इस गाँव की रक्षा अब में करूँगा| जो भी इस गाँव में चोरी और गलत काम करेगा उसको सजा स्वयंम में दूंगा| आप अपने घरों से किसी भी तरह की सुरक्षा हटा लें|
शनि देव महाराज का आदेश पा कर सभी गाँव वालों ने अपने घरों से दरवाजे निकाल दिए| यही परम्परा कई सालों से यहाँ चली आ रही है| यहाँ पुरे गाँव में किसी भी घर में गेट और दरवाजा नहीं है|
और तो और अपनी कीमती चीजों को भी गाँव वाले तिजोरी में नहीं रखते|यहाँ एक UCO बैंक की शाखा है| उसमे भी कोई गेट और सिक्यूरिटी नहीं है|
इस अधवुत और अविश्वसनीय मान्यता के कारण ये जगह विश्व प्रसिद्ध है| और लाखों की तादात में भक्त लोग यहाँ दर्शन करने आते हैं|
शनि शिंगणापुर के बारे में रोचक बातें – Interesting things about Shani Shinganapur :-

- शनि शिंगणापुर गांव के लोग छत्रपति शिवाजी महाराज के वंसज हैं|
- इस गाँव में कोई भी चोरी, हत्या या बलातकार जैसी कोई वारदात की कोई घटना अभी तक नहीं हुई है|
- गाँव में जुआ शराब और मासाहारी भोजन निषेध है|
- घरों में कोई दरवाजा नहीं है| कीमती चीजों को भी तिजोरी में नहीं रखा जाता|
- इस गाँव की UCO बैंक में भी कोई गेट दरवाजा नहीं है|
- शनि अमावस्या और शनि जयंती पर लाखों की संख्यां में लोग इस मंदिर के दर्शन हेतु आते हैं|
- इस गाँव में पीपल के पेड़ पर भी निचे लटकी हुई जड़े हैं जैसे की बरगद के पेड़ में होती है| जो की बहुत अजीब है|
- यहाँ कोई इलेक्शन पैनल नहीं है| एक वोट ही सारे गाँव में मान्य होता है|
- यहाँ भगवान शनि को तेल चढ़ाया जाता है| कोई श्रद्धालु 101 तेल के कनस्तर(डिब्बे), तो कोई श्रद्धालु 1 तेल का टेंकर भी शनि देव जी को चढाते हैं|
- 10 लाख से ज्यादा लोग सनिस्चर अमावस्या और शनि जयंती को इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं|
shani shingnapur darshan timings :-
Temple Timings :- Shani shinganpur मंदिर 24 घंटे, हफ्ते के सातों दिन भक्तों के लिए दर्शन हेतु खुला रहता हैं| 12:00 a.m to 12:00 a.m.
Entry Fees:- मंदिर के दर्शन के एंट्री भक्तों के लिए फ्री है| हालाँकि प्रसाद के पैकेट के लिए 10 Rs का चार्ज देना होता है|
TOURIST INFORMATION
- By Road:- Shani shingnapur मंदिर अहमदनगर से 35 KM, पुणे से 160 KM, 84 km from औरंगाबाद और मुंबई से 295 KM. मुंबई से 7 घंटे का सफ़र है|
- Nearest Railway Station:- अहमदनगर रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है शनि shingnapur पहुचने का| यह स्टेशन शनि मंदिर से 35 कम दूर है|
- Nearest Airport:- औरंगाबाद एअरपोर्ट 90 KM और पुणे एअरपोर्ट 160 km सबसे पास के एअरपोर्ट हैं शनि मंदिर से|
अधिक जानकारी के लिए आप shani shingnapur की Official Website: www.shanishinganapur.com
पर visit कर सकते हैं|
places to visit near shani shingnapur : –
Shri Dattatraya Temple, Tomb of Sant Shri Udasi Baba Shirdi, Shri siddheshwar Mandir (5.2 kms), Pimpalgaon Lake (21.4 kms) etc.
दोस्तों, आपको Shani Shingnapur story hindi में ये इनफार्मेशन कैसी लगी| आशा करते हैं आपको सारी जरूरी जानकारी इस आर्टिकल के जरिये मिल गई होगी| अगर आपको इसमें कुछ त्रुटी नज़र आई हो तो हमें कमेंट करके अवगत कराएं|
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Jai Shani dev