What is sensex and nifty in Hindi, how it is calculate | सेंसेक्स और निफ्टी क्या है, कैसे बनता है और कैसे कैलकुलेट (गणना) होता है
दोस्तो, यदि आप शेयर में निवेश करना चाहते हैं तो आपको शेयर बाज़ार कैसे काम करता हैं, इसकी पूरी जानकारी जरुर होनी चाहिए| इसी सन्दर्भ में कुछ महत्पूर्ण तथ्यों की हम यहाँ चर्चा करेंगे|
आपने सुना होगा न्यूज़ में, और अपने आस पास भी, आज सेंसेक्स बढ़ गया है घट गया है, निफ्टी में आज इतनी बढ़त है बगेरह बगेरह|
दोस्तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक हैं जहाँ सिर्फ बहुत ( large Cap)बड़ी बड़ी कंपनियों के शेयर्स में उतार चढ़ाव को दर्शाया जाता है|
what is Sensex in Hindi (सेंसेक्स क्या है)
हमारे देश में 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जो मुंबई में स्तिथ है और दूसरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यह दिल्ली में स्तिथ है|
सेंसेक्स, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) है, इसे BSE सेंसेक्स के नाम से भी जाना जाता है| यह सर्वप्रथम 1986 में अस्तित्व में आया था|
सेंसेक्स का फुल फॉर्म है सेंसिटिव इंडेक्स (Sensitive Index) है
सेंसेक्स BSE में लिस्ट सबसे बड़ी 30 कम्पनीज के शेयर्स का weighted मार्किट प्राइस के आधार पर, शेयर मार्किट में उतार चढ़ाव को दर्शाता है|
यदि सूचकांक कल के मुकाबले आज ज्यादा है तो शेयर मार्किट में तेजी है और कम है तो मार्किट में मंदी है|
कैसे चुनते हैं शीर्ष 30 कंपनी
शीर्ष 30 कंपनी, फ्री फ्लोट मार्किट कैपिटलाइजेशन के आधार पर चुनी जाती हैं| जिन 30 कंपनी का फ्री फ्लोट मार्किट कैपिटलाइजेशन सबसे ज्यादा है उन्ही कंपनी के स्टॉक में उतार चढाव सेंसेक्स बताता है|
एक नज़र निफ्टी पर भी डाल लेते हैं इसके बाद चर्चा करेंगे मार्किट कैपिटलाइजेशन और फ्री फ्लोट मार्किट कैपिटलाइजेशन क्या होता है|
What is Nifty in Hindi (निफ्टी क्या है)
निफ्टी, दिल्ली में स्तिथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की इंडेक्स है| निफ्टी का पूरा नाम “National Stock Exchange Fifty” है|
निफ्टी में 50 बड़ी कंपनियों के शेयर लिस्टेड है| लेकिन अब यह शेयर 51 हो गए हैं|
इसे निफ्टी 50 और CNX Nifty के नाम से भी जाना जाता है| India Index Services and Product Ltd (IISL)
इसे कण्ट्रोल करती है|
निफ्टी इंडेक्स का बेस पीरियड 3 नवंबर 1995 और बेस वैल्यू 1000 है|
How Nifty and Sensex are Calcualted in Hindi
निफ्टी और सेंसेक्स इंडेक्स दोनों की कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मार्किट कैपिटलाइजेशन के आधार पर होती है| आइये चर्चा करते हैं कैसे इंडेक्स की कैलकुलेशन होगी|
लेकिन इससे पहले कुछ टर्म्स आपको पता होने चाहिए| आइये चर्चा करते हैं|
What is Free Float Market Capitalizaion in Hindi
इसे एक उदहारण से समझते हैं, मान लेते है एक कंपनी है जिसके पास 1,00,000 की कैपिटल है और एक शेयर 100 रूपए का है|
नंबर ऑफ़ शेयर्स = 1,00,000/100 = 1,000
इस तरह शेयर्स हो गए 1,000
अब 50% से ऊपर शेयर हमेशा प्रमोटर्स, और कंपनी के शीर्ष लोगों के पास ही हमेशा रहते हैं| इससे कंपनी का होल्ड इन्ही लोगों के पास बना रहता है|
मान लेते है 600 शेयर्स इन्ही लोगों के पास हैं, इस तरह के शेयर्स लॉक हो गए| 60,000 रूपए तक की कैपिटल लॉक इन कैपिटल मानी जायेगी|
बाकि 400 शेयर्स मार्किट में पब्लिक के लिए इशू किये जायेगे| आसान शब्दों में आप समझ लें 400 शेयर्स, सेकेंडरी मार्किट में ख़रीदे और बेचे जाते हैं|
ये जो 40,000 कैपिटल है फ्लोटिंग कैपिटल (Floating Capital) कहलाती है|
मान लेते हैं अभी शेयर मार्किट में इस कंपनी के शेयर का मार्किट रेट है 300 रूपए है
फ्लोटिंग कैपिटल की वैल्यू हो गई 400 * 300 = 1,20,000 | यह 1,20,000 ही कंपनी की फ्री फ्लोट मार्किट कैपिटलाइजेशन वैल्यू है|
What is Total Market Capitalization
यहाँ एक बात और आप समझ लें इस कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन होगी 1000 * 300 = 3,00,000
How Sensex and Nifty is Calculated with Example in Hindi
(कैसे कैलकुलेट होता है सेंसेक्स उदहारण के साथ)
Sensex और Nifty दोनों इंडेक्स की कैलकुलेशन का एक ही आधार है| आइये एक उदहारण से समझते हैं
मान लेते हैं, एक BSE में 2 कंपनी लिस्टेड हैं X और Y
X कंपनी के पास 1000 शेयर्स है जिसमें से 800 फ्री फ्लोटिंग है| शेयर का मार्किट प्राइस है 100 रूपए
Y कंपनी के पास 2000 शेयर्स हैं, जिसमें से 1500 free फ्लोटिंग हैं| शेयर का मार्किट प्राइस है 150 रूपए
Market Capitalization of X company = 1000 * 100 = 1,00,000
Free Float Market Capitalization of X company = 800 * 100 = 80,000
Free Float Factor of X Company = 80,000/1,00,000 = 0.80
Market Capitaliation of Y Company = 2000 * 150 = 300000
Free Float Factor of Y Company = 1500 * 150 = 225000
Free Float Factor of Y company = 225000/300000 = .75
Total Free Float Market Capital of the Index
(1,00,000 * .80) + (3,00,000 * .75) = 80,000 + 225000 = 305000
मान लेते हैं, base इयर में इंडेक्स था 5000
तो इस साल का इंडेक्स होगा 305000 * 100/5000 = 6100
आप निचे दिए गए छाया चित्र में सेंसेक्स की परफॉरमेंस देख सकते हैं|
सेंसेक्स और निफ्टी कैसे घटता बढ़ता है|
कंपनी के स्टॉक में उतार चढाव कंपनी की परफॉरमेंस पर निर्भर करता है| यदि कंपनी रोजगार उपलब्ध करा रही है, कुछ नए और सफल प्रोजेक्ट लेके आ रही है, अपने शेयर होल्डर को बेहतर डिविडेंड दे रही है| ऐसे कंपनी के स्टॉक के प्राइस बढ़ जाते हैं|
लेकिन यदि, कंपनी किसी मुसीबत में आ गई है, या कंपनी के प्रोजेक्ट सही नहीं चल रहे हैं डिविडेंड शेयर होल्डर को ठीक नहीं मिल रहा है| ऐसी परिस्थिति में शेयर के प्राइस निचे गिर जाता हैं|
सेंसेक्स और निफ्टी के बढ़ने के क्या फायदे हैं|
> सेंसेक्स और निफ्टी की चाल को समझकर निवेशक तय कर सकता है की उसे कब शेयर बजार में निवेश करना है यदि वह लार्ज कैप कंपनी के शेयर में पैसा लगाना चाहता है तो|
> जब सेंसेक्स बढ़ता है, तो foreign निवेशक भी भारत के शेयर बाज़ार में पैसा लगाता है| जिससे कंपनी की वैल्यू बढती और मुनाफा भी होता है और शेयर होल्डर को बेहतर डिविडेंड मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है|
> सेंसेक्स बढ़ रहा है तो कंपनी की ग्रोथ हो रही है, जिससे आगे कंपनी में रोजगार बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है|
शेयर निवेशकों के कुछ सवाल
यदि निफ्टी और सेंसेक्स निचे जा रहा है तो सभी स्टॉक के शेयर के रेट कम हो जाते हैं|
ऐसा नहीं है, सेंसक्स में 30 लार्ज कैप कंपनी और निफ्टी में 50 बड़ी कंपनी के स्टॉक का के प्राइस का एवरेज बताया जाता है, इसमें मिड कैप और स्माल कैप कंपनी नहीं हैं|
आपको मार्किट में जा के देखना पड़ेगा किस कंपनी के स्टॉक की कीमत बढ़ रही है या कम हो रही है|
क्या हमेशा सेंसेक्स को देख कर ही इन्वेस्ट करना चाहिए|
ऐसा नहीं है, यदि आप सिर्फ लार्ज कैप कंपनी के इक्विटी शेयर्स में इन्वेस्ट कर रहे हैं तब ही सेंसेक्स और निफ्टी का महत्व है| यदि आप मिड कैप और स्माल कैप कंपनी में पैसा लगा रहे हैं तो इंडेक्स का इतना महत्व नहीं है|
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