What is SEBI in Hindi, Functions, Departments, Powers, Amendments, controversies, सेबी क्या है इसके कार्य, बिभाग, अधिकार, संसोधन, की जानकारी
दोस्तो, यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश कर रहे हैं, तो आपको सेबी (SEBI) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए| सेबी क्या है यह कैसे कार्य करता है, सेबी में कितने विभाग होते हैं और क्या हैं सेबी के अधिकार|
इन सबके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे| इसके अलावा सेबी के कानून में कितने संसोधन किये गए हैं इसकी भी चर्चा यहाँ हम करने वाले हैं|
इसके अलावा यदि आपके साथ शेयर बाज़ार में कोई धोखा और चीटिंग हुई है तो सेबी में शिकायत करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया के बारे में भी आपको अवगत कराएंगे|
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What is SEBI in Hindi | सेबी क्या है
सेबी (SEBI) का पूरा नाम Securities Exchange Board of India है| हिंदी में इसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड कहा जाता है|
हिंदी का नाम सुनने में ही इतना अजीब लग रहा है, दोस्तो हम भारत के लोग, हिंदी और इंग्लिश के बीच में फँस गए हैं, न हम हिंदी पूरी जानते हैं और न इंग्लिश क्या विडम्बना (Irony) है| 😆 😆 😆
दोस्तो, बहुत ही सरल भाषा में बात करें, सेबी एक सरकारी विभाग है जो शेयर बाज़ार को कण्ट्रोल करने का काम करता है|
सेबी के बहुत से कार्य हैं, इसका प्रमुख कार्य निवेशकों (Investors) के हितों की रक्षा करना और शेयर बाज़ार (Share Market) की अधिकारिक सरंचना (Infrastructure) को लगातार टेक्नोलॉजी के माध्यम से बेहतर बनाना है|
जिससे शेयर मार्किट का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे| आगे सेबी के अन्य कार्यों के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे|
सबसे पहले बात कर लेते हैं सेबी विभाग की प्रष्ठभूमि क्या है| कैसे यह विभाग एक अलग क़ानून की शक्ल में अस्तित्व में आया| आइये थोडा इतिहास में चलते हैं|
आखिर कैसे अस्तित्व में आया सेबी (SEBI) विभाग
भारत की आजादी से 4 महीने पहले 18 अप्रैल 1947 को एक कानून पास किया गया, नाम था Capital Issues control Act|
इसी कानून की छत्र छायाँ में एक सरकारी विभाग अस्तित्व में आया “Controller of Capital Issues (CCI)”|
इस विभाग को सारी शक्तियां और अधिकार “Capital Issues control Act” के कानून से ही मिले थे|
इस कानून को शेयर बाज़ार में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए लाया गया| कानून के अनुसार कोई भी कंपनी सरकारी अनुमति के बिना शेयर बाज़ार से पैसा इकठ्ठा नहीं कर सकती थी|
आईपीओ के रेट तय करने का अधिकार भी इसी विभाग को था|
इस कानून को और कठोर बनाने के लिए 21 दिसंबर 1957 को इसमें कुछ संसोधन भी किये गए|
लेकिन इस विभाग का कण्ट्रोल नेता लोग और नौकरशाहों के पास था| इससे इस विभाग में भ्रस्टाचार चरम सीमा पर था|
एक और सबसे बड़ा कारण इस विभाग के फेल होने का वो था, नेता और नौकरशाह जो इस विभाग से जुड़े हुए थे इन्हें शेयर बाज़ार की जानकारी ही नहीं होती थी|
देश को चलाने का भारतीय देशी तरीका 😆 😆 😆
सेबी (SEBI) विभाग का आगमन
1988 में भारत सरकार के विभाग Economic affairs in the Ministry of Finance के Executive Order के द्वारा सेबी की स्थापना की गई|
विभाग में अधिक पारदर्शिता और भ्रस्टाचार मुक्त करने के लिए सरकार ने इसको एक अलग कानून देने की कोशिश की जिससे यह विभाग नेताओं के चुंगल से निकल सके|
इसलिए 12 मई 1992 को सेबी एक्ट 1992 के तहत इसे वैधानिक शक्तियां (Statutory Powers) दे दी गई| कहने का मतलब 12 May 1992 को सेबी विभाग क़ानूनी तौर पर अस्तित्व में आया|
इसी दिन “Controller of Capital Issues (CCI)” कानून को ख़त्म कर दिया गया
यहाँ कुछ बातें जाने योग्य हैं, सेबी किसी सरकारी विभाग के निर्देश पर काम नहीं करता है, यह एक स्वतंत्र विभाग है|
यह विभाग इसको दिए गए अधिकारों के आधार पर अपने कानून बना सकता है और उसे लागू कर सकता है| Statutory Powers यह सुनिश्चित करती हैं, की निर्णय लेने में कम से कम लोगों तक फाइल जाए|
कहाँ है सेबी (SEBI) का हेड क्वार्टर
सेबी (SEBI) का हेड क्वार्टर मुंबई, के बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स में स्थित है, इसके अलावा नई दिल्ली, कलकत्ता, चेन्नई और अहमदाबाद में इसके रीजनल ऑफिस हैं
इसके अलावा जयपुर, बैंगलोर में लोकल ऑफिस हैं, इसके अलावा गुवाहाटी, भुबनेश्वर, पटना, कोची और चंडीगढ़ में 2013-14 में लोकल ऑफिस खोले गए हैं|
कितने मेम्बर है सेबी (SEBI) विभाग में
सेबी (SEBI) के उच्च स्तरीय पद 9 हैं, या आप कहा सकते हैं इस विभाग की सबसे बड़ी कार्य कारिणी में 9 सदस्य होते हैं| इनके अपॉइंटमेंट इस प्रकार होते हैं
- सेबी का चेयरमैन केंद्र सरकार के द्वारा मनोनीत किया जाता है
- 2 सदस्य केंदिर्य वित्त मंत्रालय के द्वारा मनोनीत किये जाते हैं
- 1 सदस्य रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से होता है
- बाकि 5 सदस्य भी केंद्र सरकार के द्वारा मनोनीत किये जाते हैं, जिनमे कम से कम 3 सदस्य whole time Memebers होने चाहिए|
अभी हाल फिलहाल 2019 में अजय त्यागी सेबी का चेयरमैन हैं, 10 जनवरी 2017 को इन्होने U.k sinha से चार्ज लिया था|
Name | Designation |
अजय त्यागी | चेयरमैन |
गुरुमूर्ति महालिंगम | Whole Time Member |
स.के मोहंती | Whole Time Member |
अनंता बरुआ | Whole Time Member |
माधबी पूरी बुच | Whole Time Member |
सुभाष चन्द्र गर्ग | Whole Time Member |
इंजेती श्रीनिवास | Whole Time Member |
एन.एस विश्वनाथन | Whole Time Member |
अरुण.पी साठे | Whole Time Member |
Name | From | To |
अजय त्यागी | 10 फरवरी 2017 | वर्तमान में |
यू.के सिन्हा | 18 फरवरी 2011 | 10 फरबरी 2017 |
सी.बी भावे | 18 फरवरी 2008 | 18 फरवरी 2011 |
एम्. दामोदरन | 18 फरवरी 2005 | 18 फरवरी 2008 |
जी.एन बाजपाई | 20 फरवरी 2002 | 18 फरवरी 2005 |
डी.आर मेहता | 21 फरवरी 1995 | 20 फरवरी 2002 |
एस.एस नादकर्णी | 17 जनवरी 1994 | 31 जनवरी 1995 |
जी.वी रामकृष्ण | 24 अगस्त 1990 | 17 जनवरी 1994 |
डॉ. एस.ए दवे | 12 अप्रैल 1988 | 23 अगस्त 1990 |
सेबी (SEBI) के कार्य:-
वैसे तो सेबी (SEBI) के सभी कार्यों को मुख्यतय 3 भागों में विभाजि किया जा सकता है|
- निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करना
- शेयर बाज़ार का टेक्नोलॉजी के माध्यम से विकास करना
- शेयर बाज़ार को कण्ट्रोल करना
सेबी बाज़ार के तीन समूहों के प्रति उत्तरदायी होता है|
- सिक्योरिटीज जारी करने वाला
- निवेशक
- शेयर बाज़ार के मध्यस्थ (ब्रोकर)
शेयर बाज़ार में निवेशकों के हितों की रक्षा करना:-
दोस्तो, शेयर बाज़ार में कई नई और पुरानी कंपनी और ब्रोकर्स कार्यरत हैं| शेयर बाज़ार में आपके साथ यदि कोई froud होता है तो आप सेबी
को इसकी शिकायत कर सकते हैं| सेबी का प्राथमिक कार्य ही निवेशक के हितों की रक्षा करना है|
पूँजी बाज़ार (शेयर मार्किट) का विकास करना:-
दूसरा प्रमुख कार्य शेयर मार्किट का विकास करना है और उसे टेक्नोलॉजी के माध्यम से और बेहतर बनाते रहना है|
शेयर बाज़ार में धोखा धडी को रोकना:-
शेयर बाज़ार में कई ऐसी कंपनी आती हैं और थोड़े समय में ही निवेशकों का पैसा लेके भाग जाती हैं, ऐसी कंपनियों पे अंकुश लगाना|
इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकना:-
इनसाइडर ट्रेडिंग का मतलब होता है, जो कंपनी शेयर इशू करती है, उस कंपनी के अधिकारीयों को अन्दर की सारे बातें पता होती हैं|
इन्ही सूचना के आधार पर अपने ही शेयर के माध्यम से ये लोग ज्यादा पैसा कमा लेते हैं| इस तरह की ट्रेडिंग पर रोक लगाना भी सेबी के कार्यों के अंतर्गत आता है|
पूँजी बाज़ार से जुडी हुई संस्थाओं का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) करना
पब्लिक लिमिटेड कंपनी, ब्रोकर्स, म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी आदि का रजिस्ट्रेशन करना
सेबी (SEBI) के विभाग
- Market Intermediaries Regulation and Supervision Department (MIRSD)
- Commodity Derivatives Market Regulation Department (CDMRD)
- Department of Economic and Policy Analysis (DEPA)
- Office of Investor Assistance and Education (OIAE)
- Department of Debt and Hybrid Securities (DDHS)
- Enquiries and Adjudication Department (EAD)
- Integrated Surveillance Department (ISD)
- Information Technology Department (ITD)
- Investment Management Department (IMD)
- Office of International Affairs (OIA)
- Corporation Finance Department (CFD)
- Market Regulation Department (MRD)
- Enforcement Department – 1 (EFD1)
- Enforcement Department – 2 (EFD2)
- General Services Department (GSD)
- Human Resources Department (HRD)
- Investigations Department (IVD)
- Legal Affairs Department (LAD))
- Office of the Chairman (OCH)
- Regional Offices (RO’s)
सेबी (SEBI) के अधिकार:-
- स्टॉक एक्सचेंज का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) और कण्ट्रोल करना
- स्टॉक एक्सचेंज के खातों को एक निश्चित समय के बाद बराबर चेक करना
- ब्रोकर के फाइनेंसियल खातों की जांच करना
- कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज मार्किट में रजिस्ट्रेशन करवाना
- ब्रोकर्स के रजिस्ट्रेशन को भी रेगुलेट करना
सेबी (SEBI) निम्नलिखित तरीके से अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकती है|
- आर्डर के माध्यम से
- रेगुलेशन (Regulations को पास करके)
- नियम बना कर
- सेबी मास्टर सर्कुलर के माध्यम से
- सेबी सर्कुलर के माध्यम से जो समय समय पर सेबी द्वारा जारी किये जाते हैं|
सेबी (SEBI) में किया संसोधन
सेबी संसोधन अधिनियम, 2002
29 अक्टूबर 2002 यह अधिनियम पास हुआ, जिसके अंतर्गत शेयर बाज़ार में धोखा धडी करने वाली संस्था और व्यक्ति को कठोर से कठोर सजा का प्रावधान था|
इस अधिनियम के अंतर्गत इनसाइडर ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया और इस तरह का धोखा करने वाले पर 25 करोड़ तक का जुर्माना तय किया गया|
लघु निवेशकों से धोखा करने पर 1 लाख रूपए प्रतिदिन और 1 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी यहाँ पर है|
18 जुलाई 2013 को राष्ट्रपति के द्वारा लाये गए एक अध्यादेश
के द्वारा सेबी के अधिकारों में वृद्धि की गई| पूँजी जुटाने के नए तरीके भी सेबी के दायरे में आयेंगे
सेबी को तलाशी, और सम्पति कुर्की करने का अधिकार होगा
देश विदेश में सभी तरह की लेन देन की सूचना सेबी को देनी होगी|
100 करोड़ रूपए से अधिक की धन राशी जुटाने के लिए पहले सेबी में पंजीकरण करवाना पड़ेगा|
दोस्तो, आपको सेबी क्या है और इसके कार्य (What is SEBi in Hindi and it types) की जानकारी पसंद आई होगी|
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bhut achi post likhi hai dost apne …. kafi mehnt ki hai… thanks