राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान में अंतर क्या है| | What is the difference between national song and national anthem in Hindi |
दोस्तो, आपने सुना होगा कई बार हमारे देश में राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम के बारे में विवाद उत्पन्न होते रहते हैं| मुस्लिम समाज और कुछ झूठे सेक्युलर लोग एक तरफ खड़े हो जाते हैं और भारत देश की आज़ादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गीत वन्दे मातराम का विरोध करते हैं|
ये लोग कहते हैं हम भारत के राष्ट्रिय गान (जन गन मन) का तो समर्थन करते हैं लेकिन राष्ट्रिय गीत (वन्दे मातरम्) को नहीं गायेंगे.
यह सब देख कर आपके मन में भी विचार आता होगा की ऐसा क्या अंतर है दोनों में|
आज हम इसी के वारे में विचार से चर्चा करेंगे की राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान में ऐसा क्या अंतर है और इनसे जुड़े क्या विवाद हैं|
राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान में अंतर
Difference between National Song and anthem in Hindi
दोस्तो, राष्ट्रिय गीत और राष्ट्रिय गान दोनों में एक बात सामान है की दोनों ही गीत भारतीय आज़ादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं| दोनों ही गीतों ने भारतीय समाज को अपने आत्म सम्मान से जीने के लिए गोर अंग्रेजों से आजादी लेने के लिए प्रेरित किया|
चलिए राष्ट्रिय गीत और राष्ट्रिय ज्ञान से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जान लेते हैं|
राष्ट्रीय गीत के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- वन्दे मातरम् एक बंगाली कविता है| यह कविता बंकिम चन्द्र चटर्जी ने 1870 में लिखी थी|
- इस कविता को 1882 को इन्होने अपने एक उपन्यास आनंदमठ में शामिल किया था|
- इस कविता को रबिन्द्रनाथ टेगोर ने लय (संगीत) दिया और 1896 में इसे पहली वार गाया|
- यह कविता बहुत लम्बी है लेकिन इसके केवल 2 वर्सेज (verses) को ही गीत में लयवध किया गया|
- अक्टूबर 1937 के कांग्रेस अधिवेशन में इसे नेशनल सोंग के के रूप से स्वीकार कर लिया गया|
- फिलोसोफेर श्री औरोबिन्दो घोष ने इसे बंगाल का राष्ट्रिय गीत बताया|
- इसके पहले 2 वर्सेज में धरती माता का गुणगान किया गया है| लेकिन बाकी जो इस कविता की पंक्तियाँ हैं उनमे माँ दुर्गा का गुणगान किया गया
- है|
- इसकी बाकी पंक्तियों पर मुसलमानों को एतराज था इसलिए इस कविता के केवल वर्सेज लेकर ही उसे राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया गया|
- 24 जनवरी 1950 को भारत की संसद ने वन्दे मातरम को राष्ट्रिय गीत के रूप में स्वीकार किया गया और कहा गया की इसे भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए जितना राष्ट्रिय गान जन गम मन को मिलता है|
- लेकिन भारत के संबिधान में इसका कहीं भी किसी भी तरह का कोई भी प्रावधान नहीं है|
- इसके अलावा इसकी धुन में भी किसी भी प्रकार का परिवर्तन किया जा सकता है|
- इसको गाने के लिए भी समय सीमा तय नहीं है|
राष्ट्रिय गान के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- जन गन मन भारत का संवेधानिक रूप से राष्ट्रीय गान है|
- इसको कवी रविन्द्र नाथ टेगोर ने लिखा था| इसका कविता का नाम इन्होने भारोतो भाग्यो विधाता रखा था| यह एक बंगाली भाषा में लिखी गई कविता थी|
- इसके बाद इस कविता को साधू बंगाली (तत्समा बंगाली) में अनुवाद किया गया जो की एक संस्कृत से मिलती जुलती भाषा है|
- वैसे तो यह कविता बहुत बड़ी है लेकिन इस कविता के केवल पहले पद को ही भारत की संसद ने 24 जनवरी 1950 को संवेधानिक रूप से भारत का राष्ट्रिय गान मान लिया गया|
- इसमें कुछ ख़ास बाते हैं, जैसे इसको पूरा गाने में 52 सेकंड का समय लगना चाहिए और इस गीत को किसी भी तरह से अलग तरीके से लयवद नहीं किया जा सकता है| कहने का मतलब है इसे किसी और धुन में नहीं गाया जा सकता है|
- यदि इस गीत का कोई अपमान करता है तो संविधान में व्यक्ति को दण्डित करने का भी प्रावधान है|
- 27 दिसंबर 1911 को सबसे पहले भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में इसे गाया गया था|
- इस गीत का पहला और आखिरी पद भी कभी कभी गाया जा सकता है जिसकी अवधि करीब 20 सेकंड होती है|
राष्ट्रिय गीत और राष्ट्रीय ज्ञान में प्रमुख अंतर है
S.N | विषय | राष्ट्रिय गीत (वन्दे मातरम्) | राष्ट्रीय गान (जन गन मन) |
1. | संवेधानिक दर्जा | नहीं है | दर्जा है |
2. | गाने की अवधि | निश्चित नहीं है, गाने की अवधि में बदलाव कर सकते हैं | 52 सेकंड, कोई बदलाव नहीं कर सकते है |
3. | गाने की धुन | संगीत की धुन बदली जा सकती है, अब तक कई लोगों ने इसकी धुन बदली है| | नदी बदली जा सकती है, दंडनीय अपराध है| |
4. | सम्मान की वाध्यता | कोई वाध्यता नहीं है | जब भी कभी राष्ट्र गान बजता है, इसके सम्मान में खड़े होने के प्रावधान है| |
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