Neelakurinji फूल जो खिलता है 12 साल में एक बार | Neelakurinji Flower that blossoms once in 12 years

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What is Neelakurinji flower in Hindi | The flower that blossoms once in 12 years | कोनसा फूल 12 साल में एक बार खिलता है (नीलाकुरिंजी)

दोस्तो, गार्डन और बाग़ बगीचों में फूल तो हमें बहुत देखने को मिल जाते हैं| ज्यादातर एक पोधा पूरे साल में कई बार फूल देता है|

लेकिन दोस्तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे फूल के बारे में जो सिर्फ 12 साल में एक बार ही खिलता है|
यह फूल कहाँ उगता है और इसके लिए आपको कहाँ जाना पड़ेगा आइये चर्चा करते हैं|

What is Neelakurinji Flower that Blossoms once in 12 Years

Neelakurinji flower

दोस्तो इस फूल का नाम है, नील कुरिंजी (Neelakurinji) और यह केरला के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में स्थित मुन्नार टाउन में स्थित वेस्टर्न घाट की पहाड़ियों पर 12 साल में एक बार उगता है|

केरल के बारे में तो आप जानते ही हैं| केरल अपने ट्रॉपिकल जड़ी बुटियों और समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध है|

Neelakurinji flower

इस फूल के बारें में हम यहाँ बता दें, यह फूल आखिरी बार 2006 में खिला था| और 12 साल के बाद 2018 में यह खूबसूरत नज़ारा केरल के मुन्नार में देखने को मिला है|

जब यह फूल खिलता है तो मुन्नार की नीलगिरी की पहाड़ियाँ इस फूल के purple रंग के कारण हलके बैंगनी रंग की हो जाती हैं,

क्या है नीलकुरिंजी (Neelakurinji):-

नीलकुरिंजी को शोर्ट में ‘कुरिंजी’ भी बोला जाता है| यह strobilanthes जाती का पोधा है| अंग्रेजी में इसे ‘Strobilanthes Kunthiana’ के नाम से भी जाना जाता है|

Neelakurinji flower

यह एक तरह का झाडी नुमा पोधा होता है जिसमें बहुत सारी शाखाएँ होती हैं|

इस फूल का नाम कुन्थिअना (Kunthiana) केरल के साइलेंट वैली नेशनल पार्क में स्थित kunthi नदी से लिया गया है| यह फूल सबसे पहले इसी नदी के आस पास देखा गया था|

neelakurinji flower

यह फूल एक साथ बहुत अधिक मात्रा में केरल के वेस्टर्न घाट और नीलगिरी की पहाड़ियों में स्थित शोला के घास के मैदानों में 12 साल में एक बार बाद उगता है|

नीलकुरिंजी अपनी प्रारंभिक अवस्था में नील रंग का और अपनी आखिरी अवस्था में हलके बेंगनी नीले रंग का हो जाता है|

जर्मन वनस्पति वैज्ञानिक क्रिस्चियन गोटफ्राइड डेनिअल नीस वोन एसेंबेक Christian Gottfried Daniel Nees von
Esenbeck (फरवरी 1776 – मार्च 1856) ने ही नीलकुरिंजी का नामकरण (nomenclature) Strobilantehs
Kunthiana रखा था|

Neelakurinji flower

इसका वनस्पतिक शोर्ट नाम NEES है|

Kingdom : Plantae
Division : Magnoliophyta
Class : Magnoliopsida
Order : Lamiales
Family : Acanthaceae
Genus : Strobilanthes
Species : S. Kunthiana

कुछ सालों से नील कुरिंजी के उगने की जगह में कमी आई है| यहाँ अब चाय के बगान बना दिए गए है| और भारी मात्रा में जंगलों को काटा गया है|

हाइड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट ने इनके उगने के वातावरण में परिवर्तन कर दिया है|

प्रधानमंत्री मोदी ने भी 2018 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले से नीलाकुरुंजी फूल का नाम लिया था|

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Anurag Pathak
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

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