Judge aur Magistrate mein kya antar hai

Share your love

क्या आप सर्च कर रहे है की जज और मजिस्ट्रेट में क्या अन्तर है यदि हाँ तो आप सही जगह पर आये है इस पोस्ट में discuss करेंगे की जज (Judge) और मजिस्ट्रेट (Magistrate) में क्या अंतर है|

अगर आपको भी इनके बीच कोई कन्फ्यूजन है तो आज हम आपको इन दोनों की पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे

जिससे आपका इन दोनों के बीच का कंफ्यूजन दूर हो जाए और आप भी किसी को भी इनके बीच अंतर बता सकते है|

जज और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर है| (टेबल के साथ)

S.no. जजमजिस्ट्रेट
1.भारत के प्रेजिडेंट जज की नियुक्ति (appointment)
 करते हैं।
हाई कोर्ट मजिस्ट्रेट की नियुक्ति (appointment) करते हैं|
2.जज शब्द फ्रांसीसी शब्द जुगर से लिया गया है।
मजिस्ट्रेट शब्द अंग्रेजी शब्द “मैजिस्ट्रेट” से लिया गया है।
3.एक जज एक सिविल ऑफिसर नहीं है और न ही वह एक मामूली जुडिशल ऑफिसर है। एक जज एक जुडिशल ऑफिसर है जो सबूतों का analysi करता है जो उसे कानूनी मामले के संबंध में प्रेसेंटेड किया जाता है। एक जज कोर्ट की प्रोसीडिंग्स का संचालन करता है और मामले पर अपने फैसले पास्ड करता है।डिस्ट्रिक्ट,सिटी आदि| जैसे स्पेसिफिक एरियाज में एक सिविल ऑफिसर या एक नाबालिग जुडिशल ऑफिसर को मजिस्ट्रेट के रूप में कहा जाता है। मजिस्ट्रेट का जनादेश छोटे मामलों को हैंडल करना है।
4.क्राइम की सीरियसनेस के सिमिलर एक जज द्वारा एक दोषी को आजीवन कारावास (life imprisonment) या मौत की सजा (death penalty) सुनाई जा सकती है।


जिस्ट्रेट को आजीवन कारावास (life imprisonment)  या मौत की सजा (death penalty)  देने की पावर नहीं है।
5.जज ने हांडलेड काम्प्लेक्स मामलों का settlement करता है| मजिस्ट्रेट ने हांडलेड छोटे-मोटे मामले करता है|
6.एक जज का जूरिस्डिक्शन बहुत बड़ा है।जज की comparison में मजिस्ट्रेट का जूरिस्डिक्शन छोटा होता है।
7.एक जज के पास मजिस्ट्रेट की comparison में ज्यादा पावर हैं| एक मजिस्ट्रेट के पास एक जज की comparison में कम पावर है|

Share your love
Vanshita Tiwari
Vanshita Tiwari
Articles: 61

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

close