Jamun (black plum) fruit leaf seed sirka fayde (benefits) hindi | जामुन के फायदे और नुकसान

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Jamun or black plum fruit leaf seed sirka ayurvedic upchar or fayde (benefits) in hindi | जामुन फल बीज (गुठली) सिरका और पत्तियों  के फायदे

जामुन एक सदाबहार पेड़ है| इसको भारत] के विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग नामों से जाना जाता है| इस पर लगने वाला फल गहरे बेंगनी रंग का होता है|

जामुन का परिचय:-

Jamun fruits seed leaf sirka ayurvedic benefits in Hindi

जामुन (jamun) एक बड़ा पेड़ है| यह करीब 100 फुट तक ऊँचा और 12 फुट तक मोटा होता है| पत्ते करीब 3-6 इंच लम्बे, 2-3 इंच चोडे, नौकाकार चिकने और चमकीले होते हैं|

इस पेड़ पर लगने वाले फूल रंग में सफ़ेद और सुगन्धित होते हैं| जामुन के फल लगभग 1 से 1.5 इंच लम्बे अंडाकार होते हैं|

जामुन (Jamun) का फल अपनी प्रारंभिक अवस्था में हरे रंग का, मध्यम अवस्था में रक्त और बेंगनी रंग और पूर्ण पका हुआ फल काले बेंगनी रंग का होता है|

फल के भीतर 1-2 सेंटीमीटर लम्बी गुठली होती है| फूल अप्रैल जून में आता है और जून जुलाई में पककर फल में परिवर्तित हो जाता है|

जामुन के भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग नामों से जाना जाता है|

क्रमांकparticularDetail
1.वैज्ञानिक नामSyzygium Cuminii (L) Skeels
2.कुलनामMytraceae
3.अंग्रेंजी नामJambol, Jaman
4.संस्कृतजम्बू, महाफला, फ्लेंद्रा
5.हिंदीजामुन
6.गुजरातीजाम्बु, जाम्बू
7.मराठीजांभूल
8.बंगालीकालाजाम
9.पंजाबीजामुल
10.तेलुगुनेरेडू
11.तमिलशबलनाबल
12.कन्नड़नेरले

रासायनिक संघटन (Chemical Composition):-

जामुन में पाए जाने वाले घटक

क्षारभ (Alkeloid), पांडूपीत उड़नशील तेल, गैलिक एसिड (gailic acid), क्लोरोफिल, वसा(fat), राल, एल्बूमिन आदि तत्व पाए जाते हैं|

जामुन की गुठली में पाया जाने वाला ग्लुकोसाइड मधुमेह (Diabeties) को कण्ट्रोल करने में सहायक है| जामुन के पेड़ की छाल में 12 प्रतिशत टेनिन भी पाया जाता है| तथा विजयसार पेड़ की तरह इसमें से एक गोंद भी निकलता है|

औषधीय प्रयोग:-

नेत्र विकार (Eye Disorder):-

बच्चों के दांत निकलते समय होने वाले आँख विकार जैसे आँखों का आ जाना, आँखे सूज जाना| ऐसी परिस्थिति में जामुन के 15 से 20 पत्तों को 400 ग्राम पानी में तब तक उबालें जब तक 1/4th न रह जाए| इस पानी से बच्चे के नेत्र(आँख) धोने से अत्यधिक लाभ होगा|

मोतियाबिंद:-

जामुन की गुठली का चूर्ण शहद में अच्छी तरह से मिलाकर इसकी 3-3 ग्राम की गोलियां बना लें| और सुबह शाम एक एक गोली

दांत के रोग:-

1. जामुन के पत्तों के राख को दाँतों और मसूड़ों पर रगड़ने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं|

पाइरिया:-

2. जामुन के पके हुए फलों के रस को मुख में भरकर कुल्ला करने से पाइरिया बिलकुल ठीक हो जाएगा| इस प्रयोग को आप जरूर करके देखें|

मधुमेह (Diabeties):-

  1. जामुन की 100 ग्राम जड़, साफ़ करके इसे 250 ग्राम पानी में पीसकर 20 ग्राम मिश्री डालकर सुबह और शाम भोजन से पहले पिने से मधुमेह में लाभ होता है|
  2. जामुन की गुठली का चूर्ण 1 भाग, सोंठ चूर्ण 1 भाग और गुडमार बूटी 2 भाग, इन तीनों को कपडछन करके मिश्रण को घृतकुमारी के रस में टार कर छोटी छोटी गोली बना लो| दिन में तीन बार 1-1 गोली शहद के साथ लेने से मधुमेह और प्रमेह (सुजाक) में पेशाब में जाने वाली शुगर 1 महीने में बंद हो जाती है|
  3. जामुन के सूखे बीजों का चूर्ण 300 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक दिन में तीन बार लेने से पेशाब में आने वाली शक्कर का जाना बंद हो जाता है|
  4. जामुन की 625 मिलीग्राम से 2 ग्राम तक की मात्रा दिन में तीन बार सेवन करने से पेशाब में शुगर आना बंद हो जाता है|
  5. 250 ग्राम पके हुए जामुन के फलों को 500 मिलीलीटर उबलते हुए जल में डालकर कुछ समय के लिए उबाल लें| इसके बाद जामुन को मसल का कपडे में छानकर इसका रस निकल लें| इस रस को दिन में तीन बार पिने से मधुमेह में लाभ होता है और धातु(sperms) भी सुद्रण होती है|

मुंह के छाले:-

जामुन के नरम और ताजा पत्तों को पीसकर इनसे कुल्ला करने से बुरे से बुरे छाले भी बिलकुल ठीक हो जाते हैं|

कंठ रोग:-

जामुन के रस के 10-15 मिलीलीटर की मात्र में नियमित सेवन करने से कंठ रोग में लाभ होता है|

कान का बहना:-

जामुन की गुठली का चूर्ण, शहद में घोटकर कान में डालने से कान का बहना बंद हो जाता है|

पथरी (Stone):-

  1. पके हुए जामुन के फल खाने से पथरी गल के निकल जाती है|
  2. जामुन के 10-15 कोमल पत्तों का काली मिर्च के साथ चूर्ण बना कर दिन में तीन बार खाने से पथरी टुकड़े टुकड़े होकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है|
  3. जामुन के 10 ग्राम रस में 250 मिलीग्राम सेंधा नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार खाने से किडनी और गाल ब्लैडर की पथरी टुकड़े टुकड़े होकर पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जाती है|

दस्त:-

जामुन की गुठली मल रोधक है| इसे बराबर मात्रा में आम की गुठली और काली हरड के साथ भूनकर खाने से पुराने से पुराने दस्त बंद हो जाते हैं|

जूते का घाव:-

जूते के काटने से बने हुए छाले और घाव पर जामुन की गुठली को पानी में पीसकर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है|

अतिसार (दस्त, पेचिश):-

बच्चे को अगर दस्त हो जाएँ तो जामुन के पेड़ की छाल के रस के बराबर बकरी का दूध मिलाकर पिलाने से आराम आ जाता है

रक्त अतिसार ( खुनी पेचिश):-

जामुन के पेड़ की छाल का 2-5 ग्राम चूर्ण 250 ग्राम दूध के साथ 2 चम्मच मिलाकर पिलाने से दस्त के साथ आने वाला खून रुक जाता है|

अफारा (एसिडिटी):-

जामुन का सिरका 10-15 मिलीलीटर की मात्रा दिन में 2 या 3 बार दिन में लेने से एसिडिटी में आराम आता है|

उल्टी (Vomiting) वमन:- 

आम तथा जामुन के 20 कोमल पत्तों को लेकर 400 ग्राम पानी में उबालें| जब 25% रह जाए तो ठंडा कर पीने से उल्टी (vomiting) बंद हो जाती है|

बढे हुए लीवर में लाभकारी:-

जामुन के फल में आयरन प्रचुर मात्र में होता है| जामुन का सिरका प्रतिदिन 10 ग्राम लेने से लीवर के विकारों में लाभ होता है|

बवासीर (Piles):-

  1. जामुन के वृक्ष की नई पत्तियों का रस निकालकर और इसमें शक्कर मिलाकर दिन में 3 बार पिने से बवासीर में बहने वाला खून बंद हो जाता है|
  2. 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 ग्राम दूध में उबालकर दिन में तीन बार लेने से बवासीर में आने वाला खून बंद हो जाता है|

जामुन के सिरके के फायदे (Jamun ka sirka benefits):-

जामुन का फल सिर्फ जुलाई के महीने में आता है और 2 या 3 महीने तक ही उपलव्ध रहता है| लेकिन आप इसके फलों का रस निकाल कर सिरका बना कर रख सकते हैं|

जामुन के सिरका कई विकारों जैसे कब्ज, उलटी दस्त, बदहजमी आदि अन्य शारीरिक बिमारियों में प्रयोग में ला सकते हैं|

यहाँ click करके जाने जामुन का सिरका बनाने की विधि और इसके लाभ

जामुन के फल के नुकसान:

जामुन का फल अधिक खाने से पेट और फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है| यह देर स पचता है, कफ बढ़ाता है और फेफड़ों में वायु भरता है|

इसे अधिक रुखा खाने से बुखार भी आ सकता है इसलिए इसे हमेशा नमक के साथ खाना चाहिए|

नोट:-

आंवला, अजवायन और सौंठ, जामुन से होने वाले नुकसान की काट है| यदि आपको जामुन से कुछ प्रॉब्लम हुई है तो आप आंवला, अजवायन और सौंठ का सेवन करके इसका असर कम कर सकते हो|

दोस्तो आपको हमारे द्वारा दी गई जामुन के फल बीज पत्तियों और सिरका के फायेदे और आयुर्वेदिक उपचार (Jamun or black plum fruit leaf seed sirka ayurvedic upchar or fayde (benefits) in hindi) जानकारी जरूर पसंद आई होगी|

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Anurag Pathak
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

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