भारतीय देशी गाय की नस्ल के प्रकार | Indian Cow breeds types in Hindi
दोस्तो, भारत एक ऐसा देश है जहाँ पग पग पर भाषा और मौसम बदल जाता है| जलवायु की इसी विभितता के कारण यहाँ हर एक प्रजाति में कई नस्लें पाई जाती है| ऐसा ही कुछ भारतीय देसी गाय के साथ है|
प्रत्येक राज्य में गाय की एक अलग नस्ल है| आज हम आपके साथ करीब 35 भारतीय गाय की नस्ल के प्रकार साझा करेंगे और यह भी बताएँगे की कोनसी गाय दूध के लिए पालना ठीक रहेगा|
इंडियन गाय की नस्ल के प्रकार | Types of Cow breeds in India in Hindi
दोस्तो, हिन्दुस्तानी देसी गाय का दूध पुरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है| कई देशों ने तो भारत की गाय इम्पोर्ट कर ली है और इनके दूध का उपयोग कर रहे हैं| भारतीय गाय का दुश A2 क्वालिटी का माना जाता है जिसे अमेरिका ने भी सर्वश्रेष्ठ दूध बताया है|
साहिवाल (Sahival):-

वैसे तो साहिवाल गाय पाकिस्तान के साहिवाल जिले से उत्पन्न हुई है| लेकिन पकिस्तान भी भारत का ही हिस्सा रहा है| इसलिए इसे भारतीय गाय की नश्ल में गिना जाता है|
यह गहरे भूरे रंग की होती है| इसके साथ इसकी चमड़ी पर सफ़ेद धब्बे भी हो सकते हैं| ढीली चमड़ी होने के कारण इसे लोग लोला भी कहते हैं|
इसकी टाँगे छोटी और छोटा सर और छोटे सींग होते हैं|
साहिवाल गाय करीब 10 से 16 लीटर दूध देती है| अपने दुग्ध्काल के दौरान ये गाय ओस्तान 2270 लीटर दूध देती है|
यह अभी भारत के पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश दिल्ली बिहार मध्यप्रदेश में पाली जाती है|
राठी (Rathi)

राठी गाय राजस्थान में पाई जाती है| यह बहुत अधिक गर्मी को भी सह लेती है और दूध भी ज्यादा देती है|
इस गाय को राजस्थान की घुमक्कड़ जाती रथस (raths) पालते थे | उन्ही के नाम पर इस गाय का नाम राठी हो गया|
यह गाय ज्यादातर बीकानेर के क्षेत्र में पाई जाती है|
राठी गाय एक मिक्स प्रजाति है| इसे साहिवाल, रेड सिन्धी और थरपारकर गाय से बनाया गया है|
इसका रंग भूरा और त्वचा पर सफ़ेद रंग के धब्बे होते हैं| लेकिन यह पुरे भूरे और काले रंग और सफ़ेद धब्बों में
भी पाई जाती है|
यह करीब 1062 से 2810 kg तक दूध दे देती है| लेकिन कुछ राठी गाय करीब 4800 किलोग्राम दूध भी दे देती
थारपारकर (Tharparkar):-

थारपारकर गाय राजस्थान में पाई जाती है| इस गाय का नाम वाइट सिन्धी और ग्रे सिन्धी और थारी भी है| इस गाय का उद्गम वैसे तो राजस्थान के सिंध प्रांत में हुआ है| लेकिन अभी इसे पुरे भारत में पाला जाता है|
अभी हाल फिलहाल भारत के गुजरात, बारमेर जैसलमेर, जोधपुर जिलों में इसे बहुतायत में पाला जाता है|
इसका रंग सफ़ेद और हलके सफ़ेद रंग का होता है|
यह 913 से 2147 किलोग्राम तक दूध दे देती है|