हिन्दू कैलेंडर के महीनों के नाम व महत्त्व 2022 | Hindu Calendar Months Name in Hindi

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Indian Desi Hindu calendar Months Name list mahatv importance in Hindi 2022 | हिन्दू कैलेंडर के माह (मास) और महीनों के नाम व महत्त्व | Hindi month (Mahina) Name list 2022 | भारतीय महीनों के नाम | हिंदी महीनों के नाम और उनके त्यौहार | हिंदी में 12 महीनों के नाम 2022 | हिंदी महीने कौन कौन से होते हैं?

प्राचीन भारत में ईशा पूर्व ही समय की गड़ना करने के लिए कैलेंडर विकसित हो गए थे| भारतीय कैलेंडर में समय की गड़ना का मुख्य आधार चन्द्रमा की पृथ्वी और सूर्य के साथ सापेक्ष चाल है|

इसी के आधार पर हिन्दू धर्म के त्यौहार और नए साल (Hindu Months name and Festivals in Hindi) के प्रारंभ का समय निश्चित किया गया है| भारत में कैलेंडर को पंचांग भी बोला जाता है|

पचांग दो शब्दों से बना हुआ है ‘पंच’ जिसका मतलब है पांच और ‘अंग” का अर्थ है तथ्य विभाग और शाखा|

अर्थार्थ भारत के कैलेंडर में समय की गड़ना पांच तथ्यों – नक्षत्र, वार, तिथि, योग और करण के आधार पर की गयी है|

भारत में कई क्षेत्रीय कैलेंडर प्रचलित हैं जैसे शालिवहाना शाका दक्षिण भारत में, विक्रम संवत उत्तर भारत और मध्य भारत में, तमिल कैलेंडर तमिलनाडु में और बंगाली कैलेंडर बंगाल में प्रचलित हैं|

लेकिन इन सभी की गड़ना का आधार भी चन्द्रमा की सूर्य और पृथ्वी के साथ सापेक्ष चाल है| हिन्दू कैलेंडर में भी अग्रेंजी कैलेंडर की तरह 12 महीने हैं|

जिसमें हर एक महीने में 29.5 दिन होते हैं| हर एक महिना 2 पखवाड़ों (15-15 दिन) में बांटा गया है| पहले 15 दिन का समय कृष्ण पक्ष कहलाता है|

इन पंद्रह दिनों में चन्द्रमा का आकार घटता जाता है और पन्द्रवें दिन चाँद पूर्ण रूप से गायव हो जाता है| इस दिन को अमावस्या कहते हैं| आगे आने वाले 15 दिन का समय शुक्ल पक्ष कहलाता है|

इन दिनों में चन्द्रमा का आकार बढ़ता है और आखिरी 15वें दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है| इसी दिन को पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है|

1957 में विक्रम संवत कैलेंडर की गड़ना को अंग्रेजी कैलेंडर से मिलाने के लिए इसमें कुछ संसोधन किये गए| ऊपर हमने बताया प्रयेक महीने में 29.5 दिन होते हैं|

इसलिए प्रत्येक 32 महीने 16 दिन के बाद में पंचांग में एक और नया माह जोड़ा गया जिसे ‘अधिक माह’ और ‘पुरुषोतम मास’ भी कहते हैं|

इस व्यवस्था में किसी भी माह को 30 दिन बढ़ा कर 60 दिन के लगभग कर दिया जाता है| 60 दिन से एक दो दिन कम भी हो सकते हैं|

इस संसोधित कैलेंडर को साका कैलेंडर कहा गया| इसी एक मात्र कैलेंडर को ‘राष्ट्रीय कैलेंडर’ का दर्जा प्राप्त है|

प्रयेक महीने का अपना महत्व है और कई त्यौहार एक निश्चित तिथि पर हर महीने मनाये जाते हैं|

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भारत में साल में 6 मौसम होते है

  1. वसंत ऋतु (Spring Season)
  2. ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)
  3. वर्षा ऋतु (Rainy Season)
  4. शरद ऋतु (Autumn Season)
  5. हेंमत ऋतु (Hemat Season, Pre Winter Season)
  6. शीत ऋतु (Winter Season)

6 ऋतुओं के नाम और जानकारी

Hindu calendar Months Name in Hindi | भारतीय महीनों के नाम 2022 

12 महीने इस प्रकार हैं|

क्रमांकमाहदेसी नामपूर्णिमा के दिन नक्षत्र जिसमें चन्द्रमा होता हैअवधिशुरुआत की तिथि (ग्रेगोरियन)निश्चित नहीं है
1.चैत्रचैतचित्रा, स्वाति30/31मार्च 17 से 24 के बीच
2.वैशाखबैसाखविशाखा, अनुराधा31अप्रैल 17 से 25 के बीच
3.ज्येष्ठजेठ / हाड़जेष्ठा, मूल31मई 17 से 25 के बीच
4.आषाढ़असाढ़पूर्वाषाढ़, उत्तराषाढ़, सतभिषा31जून 17 से 25 के बीच
5.श्रावणसावनश्रवण, धनिष्ठा31जुलाई 17 से 25 के बीच
6.भाद्रपदभादोंपूर्वाभाद्र, उत्तरभाद्र31अगस्त 17 से 25 के बीच
7.आश्विनआसिन/क्व़ारअश्विन, रेवती, भरणी30सितम्बर 17 से 25 के बीच
8.कार्तिककातिककृतिका, रोहणी30अक्टूबर 17 से 25 के बीच
9.अग्रहायण/मार्गशीर्षअगहन
मृगशिरा, उत्तरा30नवम्बर 17 से 25 के बीच
10.पौषपूसपुनवर्सु, पुष्य30दिसम्बर 17 से 25 के बीच
11.माघमाघमघा, अश्लेशा30जनवरी 17 से 25 के बीच
12.फाल्गुनफागुनपूर्वाफाल्गुन, उत्तरफाल्गुन, हस्त30फरबरी 17 से 25 के बीच
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1. चैत्र (मेष राशि):-

यह हिन्दू कैलेंडर का प्रथम महिना है| यह अंग्रेजी कैलेंडर के मार्च महीने में प्रारंभ होता है| इसकी तारीख प्रत्येक साल एक जैसी नहीं होती| लगभग 17 मार्च से 25 मार्च के बीच हो सकती है|

जैसे हमने ऊपर बताया है, प्रत्येक हिन्दू माह 15-15 दिनों के 2 भागों में बटा होता है| प्रथम 15 दिन कृष्ण पक्ष और आखिरी 15 दिन शुक्ल पक्ष के होते हैं|

चैत्र माह के पहले 15 दिन ,जिसे चैत्र कृष्ण पक्ष कहते हैं, पिछले साल में पड़ते हैं| और आखिरी पन्द्रह दिन ,जिसे चैत्र शुक्ल पक्ष कहते हैं, का प्रथम दिन अगले साल का प्रथम दिन होता है|

कहने का मतलब है| प्रत्येक हिन्दू वर्ष चैत्र माह शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन से शुरू होता है| और प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के आखिरी दिन में ख़त्म होता है|

चतुर्वर्ग चिंतामणि (Chanturvarga Chintamani) में दिए गए श्लोक के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन ही ब्रह्मा ने इस स्रष्टि की रचना की थी| और धीरे धीरे गृह तारों ऋतू का भी निर्माण किया|

Chaitramasi jagadbrahma sasarju prathamehaani
Shukla paksha samagranthu thadaa suryodaye sathi
Pravarthayaamaasa thatha kaalasya gananaamapi
Grahantaaraan ruthoonmaasaan wathsaraanwathsaraadhipaan

बंगाली कैलेंडर और नेपाली कैलेंडर के अनुसार यह आखिरी दिन है|

आप सरल भाषा में इस तरह समझ सकते हैं| विक्रम संवत और शाका कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह कृष्ण पक्ष का 15वा दिन साल का आखिरी दिन और चैत्र माह का 16वा दिन नए साल का प्रथम दिन होता है जिसे चैत्र शुक्ल पक्ष का प्रथम दिन भी कहते हैं|

  • हिन्दू धर्म में चैत्र शुक्ल पक्ष का प्रथम दिन नए साल के प्रथम दिन के रूप में भारत के विभिन राज्यों में अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है|
  • महाराष्ट्रा में गुडी पडवा, तमिलनाडु में चैत्री विशु और पुथांडू और कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में Ugadi के तौर पर मनाया जाता है|
  • इस महीने से चैत्र नवरात्री शरू होती हैं, चैत्र शुक्ल पक्ष के 9वे दिन राम नवमी और अंतिम दिन(पूर्णिमा) हनुमान जयंती मनाई जाती है|
  • इसी महीने बंगाल में चरक पूजा और मदुरई में ‘vaigai’ नदी के किनारे “chithirai Thiruvizha” celebrate
    किया जाता है|

2. वैशाख

वैसाख हिन्दू माह का दूसरा महिना है| इसे देव मास में नाम से भी जाना जाता है| यह अप्रैल और मई के महीने में पड़ता है| इस माह को एक पवित्र माह मन जाता है|

इस माह में मनाये जाने वाले त्यौहार निम्नलिखित हैं|

  • इस माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली तृतीया अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है| इस दिन विष्णु भगवान् ने पृथ्वी पर नर-नारायण, परशुराम और ह्ययग्रीव विभिन्न रूपों में अवतार लिया था|
  • शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी सीता धरती से प्रकट हुईं|
  • शुक्ल पक्ष की द्वितीय को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है|
  • इसी मास की कृष्ण पक्ष की अमावस को सोमवती अमावस के नाम से जाना जाता है|
  • वैसाख की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है| इस दिन बुद्ध भगवान का जन्म हुआ था|
  • 2018 में वैसाख मास 1 अप्रैल से 16 अप्रैल कृष्ण पक्ष और 17 से 30 अप्रैल कृष्ण पक्ष रहेगा|

3. ज्येष्ठ(मिथुन राशि):-

  • ज्येष्ठ महिना मई से जून के बीच में आता है| यह महिना अत्यधिक गर्मी वाला होता है|
  • इस माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वटसावित्री व्रत और शनि जयंती मनाई जाती है|
  • ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है| इस दिन माँ गंगा धरती पर अवतरित हुई थी|
  • इस माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी मनाई जाती है| सभी एकादिशी में इसका बहुत महत्त्व है|
  • कहते है इस एकादशी से 24 एकादशी के बराबर पुण्य मिलता है|
  • शुक्ल पक्ष की ज्येष्ठ पूर्णिमा को संत कबीर जयंती मनाई जाती है|

4. आषाढ़(कर्क राशि):-

  • 2018 आषाढ़ कृष्ण पक्ष 29 जून से 13 जुलाई और शुक्ल पक्ष 13 july से 27 जुलाई तक
  • आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वादस को जगन्नाथ पूरी में रथ यात्रा निकाली जाती है|
  • इसी माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है|
  • शुक्ल पक्ष की एकादशी को हरीशयनी एकादशी व्रत रखा जाता है|

5. श्रावण(सिंह):-

  • 2018 में श्रावण मास कृष्ण पक्ष 28 जुलाई से 11 अगस्त और शुक्ल पक्ष 12 अगस्त से 26 अगस्त
  • यह मास सबसे पवित्र मास है|
  • इस पुरे महीने शिवजी की पूजा की जाती है| इस माह सावन माह व्रत रखे जाते है| कई लोग श्रावण सोमवार के व्रत रखते हैं|
  • श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है|
  • श्रावण पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है|
  • श्रावण अमावस्या को हरियाली तीज मनाई जाती है|

6. भाद्रपद (कन्या राशि):-

  • 2018 में भाद्र पद कृष्ण पक्ष 27 अगस्त से 9 सितम्बर और शुक्ल पक्ष 10 सितम्बर 25 सितम्बर तक
  • भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है|
  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी
  • भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को श्राद्ध प्रारंभ होते है|

7. आश्विन(तुला राशि):-

  • इस महीने को कुआर भी कहा जाता है|
  • 2018 में कुआर कृष्ण पक्ष 26 सितम्बर से 9 अक्टूबर और शुक्ल पक्ष 10 अक्टूबर 24 अक्टूबर तक
  • इसी माह में दुर्गापूजा, नवरात्री, विजयादशमी/दशहरा त्यौहार मनाया जाता है|

8. कार्तिक(वृश्चिक):-

  • 2018 में कार्तिक कृष्ण पक्ष 25 अक्टूबर से 7 नवम्बर और शुक्ल पक्ष 8 नवंबर से 23 नवंबर से
  • इसी माह अहोई अष्टमी, नरक चतुर्दशी, दीपावली श्री महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा, तुलसी विवाह, और शुक्ल पक्ष की एकादसी देव उठनी
  • एकादसी होती है| इस दिन के वाद शुभ कार्य करने के लिए शुभ दिन शरू हो जाते हैं|
  • इसी महीने की कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाई जाती है|

9. मार्गशीर्ष और अगहन(धनु राशि):-

  • 2018 में मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष 24 नवम्बर से 7 दिसंबर और शुक्ल पक्ष 8 दिसंबर से 22 दिसंबर तक है|
  • इस माह में मोक्षदा एकादशी व्रत, श्रीगीता जयंती, पिशाचमोचन श्राद्ध, श्री दत्तात्रेय जयंती इसी माह आते हैं|

10. पौष (मकर राशि):-

  • 2018 में पौष कृष्ण पक्ष 23 दिसंबर से 5 जनवरी और शुक्ल पक्ष 6 जनवरी से 21 जनवरी तक
  • इस महीने लोहड़ी पोंगल मकर संक्रांति जैसे त्यौहार मनाए जाते है|

11. माघ(कुम्भ राशि):-

  • 2018 में माघ कृष्ण पक्ष 21 जनवरी से 4 दिसंबर और शुक्ल पक्ष 5 फरवरी से 19 फरवरी तक
  • इसी महीने शुक्ल पक्ष की वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा, महा शिवरात्रि, रथ आरोग्य सप्तमी व्रत, और उत्तरी भारत में माघ मेले का आयोजन होता है|

12. फाल्गुन(मीन राशि):-

  • 2018 में फाल्गुन कृष्ण पक्ष 20 फरवरी से 6 मार्च और शुक्ल पक्ष 7 मार्च से 21 फरवरी
  • इसी माह रंगों का त्यौहार होली शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है|

अधिक (मलमास ) (पुरुषोत्तम मास):-

  • यह हिन्दू माह प्रत्येक 32 महीने 16 दिन के बाद एक्स्ट्रा माह जोड़ा जाता है जिसे अधिक मास बोला जाता है| इसी माह में कोकिला व्रत का महत्व है|
  • 2018 में ज्येष्ठ मास में 16 मई से 13 जून तक अधिक मास जोड़ा गया है

साधुवाद:-

दोस्तो आपको हमारे द्वारा दी गई हिन्दू माह (Hindu calendar months name and importance in hindi) की जानकारी जरुर पसंद आई होगी|

अगर आपके पास भी हिन्दू कैलेंडर के मास(माह) और महीने से सम्बंधित को जानकारी हो तो आप हमें viralfactsindia@gmail.com पर भेज सकते हैं|

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Suvidha Pathak
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