भारत के उच्च न्यायालय की प्रथम (पहली) महिला वकील (का नाम) कौन थी | Who was the first (female) woman lawyer of High court in India name in Hindi
दोस्तो क्या आप जानते हैं, आज़ादी से पहले भारत के उच्च न्यायालय की प्रथम (पहली) महिला वकील का नाम क्या है, वैसे तो आज़ादी के बाद कई महिला वकील रही हैं लेकिन यहाँ हम बात कर रहें है आज़ादी से पहले कौन सी महिला भारत के उच्च न्यायालय की वकील रही है|
भारत के उच्च न्यायालय की प्रथम महिला वकील कौन थी
Who was the first woman lawyer of High court in India in Hindi

पूरा नाम (शादी से पहले) | वायलेट हरी |
पूरा नाम (शादी के बाद) | वायलेट अल्वा |
जन्म तिथि | 24 अप्रैल 1908 |
जन्म स्थान | बॉम्बे |
पिता | लक्ष्मण हरी |
माता | |
व्यवसाय | वकील, राजनेता, पत्रकार |
उपलब्धि | हाई कोर्ट की प्रथम महिला वकील, राज्य सभा की प्रथम महिला उप सभापति |
म्रत्यु |
दोस्तो, भारत की पहली महिला उच्च न्यायालय की वकील वायलेट अल्वा थी|
इनका जन्म 24 अप्रैल 1908 को हुआ था| यह वकील होने के साथ साथ एक पत्रकार, और राजनेता भी थी|
इनका जन्म अहमदाबाद में हुआ था| अल्वा 9 भाई बहनों में से आठवें नंबर की थी| वायलेट के पिता लक्ष्मण हरी, इंग्लैंड की चर्च में पहले भारतीय पादरी थे|
16 साल की उम्र में एक हादसे में उनके दोनों माँ बाप का देहांत हो गया|
इन्होने 12वीं तक बॉम्बे क्लेयर रोड कान्वेंट स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की, सेंत ज़ेवियर कॉलेज बॉम्बे से ग्रेजुएशन और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ की डिग्री हांसिल की|
इन्होने इंडियन वुमन यूनिवर्सिटी बॉम्बे में इंग्लिश प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवायें दी|
1944 में वायलेट अल्वा ऐसे पहली महिला वकील थी जो उच्च न्यायालय में पहली बार की केस की सुनवाई में दलील के लिए पेश हुई थी|
1937 में वायलेट हरी ने जोआचिम अल्वा (Joachim Alva) से शादी कर ली| दम्पति के 2 बेटे हुए निरंजन और चित्तरंजन और एक बेटी माया|
निरंजन अल्वा ने मार्गरेट अल्वा से शादी की जो राजस्थान और गुजरात की गवर्नर भी रह चुकी हैं|
एक बार आपको यहाँ बता देते हैं वायलेट अल्वा राज्य सभा की पहली महिला डिप्टी चेयरपर्सन (Deputy Chairperson) भी रहा चुकी हैं|
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