भारत के प्रथम (पहले) उप प्रधानमंत्री कौन थे | Who was the First Deputy Prime Minister of India in Hindi
दोस्तो, आपने बहुत कम सुना होगा की किसी सरकार में कोई उप-प्रधानमंत्री भी है| लेकिन समय समय पर कई बार उप-प्रधानमंत्री का पद सामने आया है|
आज़ादी से 2019 तक कुल 7 बार उप-प्रधानमंत्री के पद पर किसी को आसीन किया गया है| अभी 2019 की मोदी की सरकार में कोई भी उप-प्रधानमंत्री नहीं है|
आज हम आपको बताएँगे, भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री का नाम क्या है और इनका कार्यकाल किस वर्ष में रहा|
लेकिन इससे पहले आपको संक्षिप्त में उप-प्रधानमंत्री के पद के बारे में महत्पूर्ण जानकारी दे देते हैं|
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उप-प्रधानमंत्री के बारे में संक्षिप्त जानकारी
उप-प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्री परिषद् का सदस्य होता है|
यह कोई संबेधानिक पद नहीं है| इनके पास कोई विशेष अधिकार भी नहीं होते हैं|
भारत में उप-प्रधानमंत्री कैबिनेट पोर्टफोलियो के पद जैसे गृह मंत्री और वित्त मंत्री का पद भी साथ में रख सकता है|
उप-प्रधानमंत्री का पद वैसे तो जरुरी नहीं है लेकिन जब गठबंधन की सरकार हो तो राजनितिक स्थिरता और ताकत के विकेन्द्रीयकरण के लिए यह पद बनाया जा सकता है|
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राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) में भी यह पद बनाया जा सकता है|
अब तक भारत में 7 उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं|
भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री कौन थे
Who was the First Deputy Prime Minister of India in Hindi

पूरा नाम | बल्लभभाई झावेर पटेल |
जन्म दिनांक | 31 अक्टूबर 1875 |
जन्म स्थान | नडियाद गुजरात |
जाति | पाटीदार |
पिता | झवेर भाई पटेल |
माता | लाडबा देवी |
व्यवसाय | वकील, राजनेता |
म्रत्यु | 14 दिसंबर 1950 |
भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल थे| यह भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री होने के साथ साथ, प्रथम गृह मंत्री भी रहे|
इन्होने पद भार 15 अगस्त 1947 को संभाला और 15 दिसंबर 1950 तक इन दोनों पद पर रहे|
कुल मिलकर 3 साल 122 दिन तक दोनों पदों पर इन्होने अपनी सेवायें दी थी|
इस कार्यकाल में जवाहरलाल नेहरु प्रधानमंत्री थे| बल्लभ भाई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे|
महत्वपूर्ण कार्य
आज़ादी से पहले गुजरात के खेड़ा खंड में किसान आन्दोलन के माध्यम से किसनों को अंग्रेज सरकार से छूट दिलाई
आज़ादी के बाद भारत के गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने और देसी राज्यों का भारत में विलय किया|
हेदराबाद नबाव के विरुद्ध ऑपरेशन पोलो चलाकर, हेदेराबाद को भी भारत में मिला लिया|
भारत के एकीकरण में प्रमुख योगदान देने के कारण इन्हें भारत का लौह पुरुष कहा जाता है|
31 अक्टूबर 2013 को सरदार बल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इनकी मूर्ति स्मारक का शिलान्यास किया|
इस मूर्ति का नाम स्टेच्यु ऑफ़ यूनिटी है और यह विश्व की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है|
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