Digvijay Singh Biography in Hindi | दिग्विजय सिंह का जीवन परिचय

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Digvijay Singh biography history information in Hindi | दिग्विजय सिंह की जीवनी इतिहास और सम्पूर्ण जीवन परिचय

दिग्विजय सिंह जी राजस्थान के राजपूत घराने से ताल्लुक रखते हैं| आपने समाचारों में देखा ही होगा, जाने अनजाने हमेशा ही किसी न किसी विवादों में घिरे रहना, इनके वेबाक अंदाज को स्वतः ही बयाँ करता है|

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहने के साथ साथ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व महासचिव भी रहा चुके हैं| दिग्विजय सिंह जी को दिग्गी राजा के नाम से भी जाना जाता है|

इनके साथी इन्हें अर्जुन सिंह के नाम से भी बुलाते हैं|

2015 में 70 साल की उम्र में राज्य सभा एंकर अमृता राव से शादी करके, दिग्विजय सिंह जी ने खूब शुर्खिया बटोरी| इन्होने ये साबित कर दिया की शेर कभी बूढ़ा नहीं होता|

आइये विस्चतार से र्चा करते हैं, दिग्विजय सिंह जी का जीवन परिचय और सम्पूर्ण इतिहास (Digvijay singh Biography in Hindi) इनके बचपन से लेकर अब तक

खेर जी भी है, ठीक है| आइये दिग्विजय सिंह जी के सम्पूर्ण जवानी और इतिहास की चर्चा करते हैं|

Digvijay singh Biography in Hindi

दिग्विजय सिंह का जीवन परिचय

Digvijay singh Biography in hindi
क्रम संख्याParticularDetail
1पूरा नामदिग्विजय सिंह
2अन्य नामदिग्गी राजा, अर्जुन सिंह
3जन्म तिथि28 फरवरी 1947
4जन्म स्थानइन्दोर, मध्य प्रदेश
5पिताबलभद्र सिंह
6माता
7बच्चेमन्दाकिनी कुमारी, कर्णिका कुमारी, म्रदिमा कुमारी, जयवर्धन सिंह
8पत्नीआशा सिंह (2013 म्रत्यु),
अमृता राव (वर्तमान)
9शिक्षाइंजिनियर
10राजनितिक पार्टीकांग्रेस
11राजनीतिक जीवनमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यसभा के सदस्य
12धर्महिन्दू
13जातिराजपूत
14राष्ट्रीयताभारतीय
15वेबसाइटDigvijaysingh.in
16भाषा का ज्ञानहिंदी, अंग्रेजी
17राशिमीन
18उम्र 201972

दिग्विजय सिंह का जन्म स्थान

दिग्विजय सिंह का जन्म इंदौर में 28 फरवरी 1947 को हुआ था| आज़ादी से पहले यह क्षेत्र होल्कर प्रिंसली स्टेट के अंतर्गत आता था|

इनके पिता बलभद्र सिंह राघोगढ़ राज्य के राजा थे| राघोगढ़

राज्य अब गुना जिले (District) के नाम से जाना जाता है|

दिग्विजय सिंह जी की शिक्षा

इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डाली कॉलेज (DAly College) से की| अपनी आगे की पढाई के लिए श्री गोविन्द्रम सेकसरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SGSITS) इंदौर में दाखिला लिया|

यहाँ से इन्होने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.ई की डिग्री प्राप्त की|

वैवाहिक जीवन

1969 में इनका विवाह आशा सिंह से हुआ था| इनकी मृत्यु 2013 में हुई| इनकी म्रत्यु के बाद अप्रैल 2014 में दिग्विजय सिंह ने खुलासा किया की उनके राज्य सभा टीवी एंकर अमृता राव से प्रेम सम्बन्ध हैं|

अगस्त 2015 में दिग्विजय सिंह जी ने अमृता राव से शादी कर ली|

दिग्विजय सिंह जी के बच्चे

दिग्विजय सिंह जी की पहली पत्नी से चार बच्चे हैं| इनमें तीन लड़कियां और एक पुत्र है|
इनके नाम क्रमश इस तरह हैं

  • मन्दाकिनी कुमारी
  • कर्णिका कुमारी
  • म्रदिमा कुमारी
  • जयवर्धन सिंह

मध्य प्रदेश में राजनीतिक जीवन की शुरुआत

1969 से 1971 तक दिग्विजय सिंह जी राघोगढ़ नगर पालिका के प्रेसिडेंट रहे|

1970 में विजयराजे सिंधिया ने जन संघ पार्टी की सदस्यता के लिए प्रस्ताव इन्हें प्रस्ताव दिया लेकिन दिग्विजय सिंह ने उस समय कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन कर लिया|

1977 में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर राघोगढ़ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए|

हम आपको यहाँ बता दें, दिग्विजय सिंह जी के पिता 1951 में इसी सीट से निर्दलीय विधायक रह चुके थे|

1980-84, में दुवारा विधान सभा के चुनाव जीते, और मध्य प्रदेश की राज्य सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे| इस समय अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे|

दिग्विजय सिंह के अनुसार अर्जुन इनके राजनितिक मार्गदर्शक थे|

1984 के लोक सभा चुनाव में राजगढ़ लोक सभा सीट से जीत हांसिल की और आठवीं लोक सभा का सदस्य बनने का सोभाग्य प्राप्त हुआ|

लेकिन 1989 के लोक सभा चुनावों में दिग्विजय सिंह को बीजेपी के प्यारेलाल खंडेलवाल ने 57,000 वोटों से हरा दिया|

1991 में इन्होने यह सीट दुवारा से जीती और भारत की दसवीं लोक सभा के सदस्य बने|

राजीव गाँधी जी ने 1985-88 में मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया| इनके 1992 में दुवारा से अध्यक्ष पद के लिए चुना गया|

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में राजनितिक सफर

1993 में इन्होने लोक सभा की सदस्यता से स्तीफा दे दिया, क्योंकि पार्टी इन्हें मध्य परदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी|

इनके भाई लक्ष्मण सिंह राघोगढ़ विधान सभा सीट से विधायक चुने गए थे| इन्होने दिग्विजय सिंह जी के लिए इस सीट से स्तीफा दे दिया जिससे दिग्विजयस सिंह जी को इस सीट पर मध्य प्रदेश विधान सभा की सदस्यता दे दी जाए|

लेकिन ऐसा नहीं हो पाया, लेकिन चचौरा विधानसभा से शिवनारायण मीणा ने स्तीफा दिया और उप चुनावों में दिग्विजय सिंह चुनाव जीत कर विधान सभा के सदस्य बने|

इस तरह इनके मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता बना|

1998 के चुनाव में दुवारा से सोनिया गाँधी जी के द्वारा दिग्विजय सिंह जी को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया|

मध्यप्रदेश के विकास में दिग्विजय सिंह जी का योगदान

इन्होने दलित और आदिवासी जाति के लोगों के उत्थान के लिए कई सराहनीय कार्य किये|

मध्य प्रदेश में Education Gurantee Scheme (EGS) शुरुआत की गई| इस स्कीम के तहत हर गाँव में
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई|

दलित और आदिवासी लोगों के जानवरों के चारे के लिए जमीन (चरनोई) का आवंटन किया गया|

किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा दी गई|

सरकार में सत्ता का विकेंद्रीकरण करने के लिए पंचायत राज को प्रोत्साहन दिया गया| 52,000 ग्राम सभा स्थापित की गई और 8 स्थाई समितियां भी बनाई गई|

सप्लायर डाइवर्सिटी स्कीम की शुरुआत की गई जिसमें यह तय किया गया की सरकार अपने उपभोग के लिए 30%
वस्तुएं समाज में उपेक्षित और गरीब लोगों से लेगी|

समाज में उपेक्षित जाति के लिए सरकारी नौकरी में भी सहायता का अभियान इन्होने चलाया|

मुख्यमंत्री के रूप में अपने दुसरे कार्यकाल में इन्होने ग्राम पंचायत के स्तर पर स्वास्थ्य सुविद्याएँ मुहैयाँ कराने में कार्य किया| हर एक गाँव में स्वास्थ्य अधिकारी को ट्रेनिंग दी गई और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढाया|

दिग्विजय सिंह जी के द्वारा किये गए कार्यों के सकारात्मक परिणाम

इनके सामाजिक स्तर पर सुधारों से मध्य प्रदेश में साक्षरता का स्तर 1991 के 45% से बढ़कर 2001 में 64% हो गया|

फीमेल साक्षरता स्तर 29 परसेंट से 50 परसेंट तक आ गया था|

ब्रिटिश हाई कमिश्नर सर रॉब यंग ने भी इनके सुधर कार्यों की तारीफ की|

दिग्विजय सिंह जी के राजनीतिक करियर का पतन

2001 में मध्यप्रदेश का विभाजन हो गया और छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई| सोनिया गाँधी के निर्देश पर दिग्विजयसिंह जी ने
अजित जोगी को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनने में मदद की|

2003, मध्यप्रदेश के चुनावों में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई और बीजेपी ने बहुमत से सरकार बनाई|

मध्यप्रदेश के लिए बिजली उत्पादन के सयंत्र विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ में चले गए| जिसकी वजह से राज्य में भरी बिजली की कटोती होने लगी|

विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ में हुई राजनितिक उठक पटक से दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के राज्य व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे पाए|

परिस्थितियां ऐसी बनी जिससे जनता में कांग्रेस सरकार के खिलाफ रोष बढ़ गया और 2003 के चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ा|

राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य

2003 में मध्य प्रदेश में हार के बाद दिग्विजय सिंह ने निश्चित किया की वो राज्य में अब चुनाव नहीं लड़ेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य करेंगे|

2008 में कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने और आंध्र प्रदेश, असम बिहार और उत्तर प्रदेश के साथ साथ कई राज्यों में
कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए कार्य किये|

जनवरी 2014 में मध्य प्रदेश से इन्हें राज्य सभा की सदस्यता से मनोनीत किया गया|

दिग्विजय सिंह से जुड़े विवाद

2011 में दिग्विजय सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे| कोर्ट में इनके खिलाफ चार्ज शीत दाखिल की गई| लेकिन सीबीआई की जांच में कोई सबूत नहीं मिले|

June 2015 में दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह की बीजेपी की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए| दिग्विजय सिंह
ने सीबीआई के सामने व्यापम घोटाले की शिकायत की और सबूत पेश किये गए|

नवम्बर 2017 में सीबीआई की जांच में दिग्विजय सिंह के आरोप निराधार साबित हुए और जो सबूत पेश किये गए थे वो
जाली थे|

2019 में भोपाल से कांग्रेस की टिकट पर लोक सभा चुनाव लड़ा लेकिन प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने इन्हें हरा दिया|

1998 मुल्तई किसान हत्याकांड:- इस साल मध्य प्रदेश पुलिस ने किसानों पर गोलियां चलाई| People’s Union
for Civil Liverties (PUCL) पार्टी ने दिग्विजय सिंह की सरकार पर इस हत्याकांड का आरोप लगाया|

बाटला हाउस विवाद:- इन्होने बाटला हाउस मुठभेड़ को जाली बताया था| कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं ने इनके बयान से किनारा कर लिया| इनके इस बयान से हिन्दू वोट बैंक ने कांग्रेस से किनारा कर लिया|

महिला एम् पी पर अभद्र टिप्पड़ी:- 2013 में मंदसौर से महिला कांग्रेस एम् पी मिनाक्षी नटराजन पर अभद्र टिप्पड़ी की और इन्हें सु टंच माल कह कर बुलाया|

बिन लादेन और अमेरिका पर टिप्पड़ी:- दिग्विजय सिंह ने यह कहकर सबको चौंका दिया था की अमेरिका को बिन लादेन को इस्लामिक रीती रिवाज से दफनाना चाहिए था| उनकी इस टिप्पड़ी से इनकी और कांग्रेस पार्टी की बहुत फजीहत हुई थी|

आशा करते हैं दिग्विजय सिंह के सम्पूर्ण जीवन (Digvijay singh biography history information in hindi) से जुडी जानकारी आपको जरुर पसंद आई होगी, यदि हमारी पोस्ट आपको ज्ञानवर्धक लगी हो तो इसे शेयर जरुर करें|

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Anurag Pathak
Anurag Pathak

इनका नाम अनुराग पाठक है| इन्होने बीकॉम और फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है| वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं| अपने मूल विषय के अलावा धर्म, राजनीती, इतिहास और अन्य विषयों में रूचि है| इसी तरह के विषयों पर लिखने के लिए viralfactsindia.com की शुरुआत की और यह प्रयास लगातार जारी है और हिंदी पाठकों के लिए सटीक और विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे

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