दीपक पर संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ सहित
प्रदोषे दीपक : चन्द्र:,प्रभाते दीपक:रवि:।
त्रैलोक्ये दीपक:धर्म:,सुपुत्र: कुलदीपक:।।
हिंदी अर्थ:- संध्या-काल मे चंद्रमा दीपक है, प्रातः काल में सूर्य दीपक है, तीनो लोकों में धर्म दीपक है और सुपुत्र कुल का दीपक है।
देवी या देवता के सामने दीपक जलाने का मन्त्र
पहला मन्त्र
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहं ||
दूसरा मन्त्र
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने |
त्राहि मां निरयाद् घोराद् दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ||
पूजा शुरू करने से पहले दीपक जलाने वाला मन्त्र
भो दीप देव रूपस्त्वं कर्म साक्षी ह्यविघ्नकृत् |
यावत् कर्म समाप्ति स्यात् तावत् त्वं सुस्थिरो भव ||
हिंदी अर्थ – हे दीप , आप देवता स्वरूप हैं. सब विघ्नों को दूर करके मेरे कर्मों के साक्षी रूप ( आप) पूजन ( कर्म) समाप्ति तक प्रकाशित रहें.
शाम में घर में बल्ब जलाते समय बोलने वाला मन्त्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यं धनसंपदा।
शत्रु बुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोऽस्तु ते।।
हिंदी अर्थ:- जो शुभ करता है, कल्याण करता है, आरोग्य रखता है, धन संपदा करता है और शत्रु बुद्धि का विनाश करता है, ऐसे दीप यानी दीपक की रोशनी को मैं नमन करता हूं।
दीपज्योति: परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दन:
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते.
हिंदी अर्थ: दीपक की ज्योति परमब्रह्म ( स्वरूप) है. दीप की ज्योति जनार्दन है. दीपक की ज्योति मेरे पापों का नाश करती है. दीपक की ज्योति को नमस्कार है.