Acharya Chanakya Quotes in Hindi | चाणक्य सुविचार और अनमोल कथन | Chanakya great thoughts quotes on life in Hindi | Chanakya rajneeti Hindi
आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सबसे बड़े राजनीतिज्ञ माने जाते है| इन्होने अकेले सिर्फ अपने दम पर ही नंद वंश जो की एक बहुत बड़ा साम्राज्य था उसे नष्ट कर दिया|
चाणक्य ने अपने राजनेतिक चतुराई से यह निश्चित किया की सिर्फ ताकत ही आपको उच्च शिखर पर रहने के लिए पर्याप्त नहीं है|
आपको राजनेतिक मैनेजमेंट भी सीखना होगा| भले ही आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं लेकिन मानसिक रूप से मजबूत आप बड़े बड़े से प्रतिद्वंदी को परास्त कर सकते हैं|
चाणक्य ने विभिन्न शास्त्रों से जीवन के लिए महत्वपूर्ण श्लोकों को संग्रह कर राजनीती और सांसारिक जीवन को सुगम बनाने के लिए एक किताब लिखी थी|
उसी में से कुछ प्रमुख विचार यहाँ आपके लिए कोट्स की फॉर्म में शेयर कर रहे हैं| आशा करते हैं आपको जर्रोर पसंद आयेगें|
Acharya Chanakya Quotes in Hindi
जो शक्ति न होते हुए भी मन से हार नहीं मानता है, उसको दुनिया की कोई ताकत परास्त नहीं कर सकती|
अति सुन्दर होने के कारण सीता का हरण हुआ, अत्यंत अहंकार के कारण रावण मन गया, अत्यधिक दान देने के कारण बाली अपना सबकुछ गवां बेठा| इसलिए हर व्यक्ति को अति से बचना चाहिए|
असंभव शव्द का प्रयोग केवल कायर करते हैं बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना मार्ग स्वयं प्रशस्त करते हैं|
पृथ्वी पर केवल तीन ही रत्न हैं – जल अन्न और मधुर बचन ! बुद्धिमान व्यक्ति उनकी समझ रखते है, पर मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ो को ही रत्न समझते है|
एक अनपढ़ व्यक्ति का जीवन उसी तरह से बेकार है, जैसे कुत्ते की पूंछ जो ना उसके पीछे का भाग ढकती है और न उसे कीड़े मकोड़ों के डंक से बचाती है|
व्यक्ति अकेला पैदा होता है और अकेले ही मर जाता है| वह स्वयं ही अपने अच्छे और बुरे कर्मों को भुगतता है और वह अकेले ही स्वर्ग या नर्क को जाता है|
किसी भी व्यक्ति को जरुरत से ज्यादा ईमानदार नहीं होना चहिये| सीधे तने वाले पेड़ ही सबसे पहले काटे जाते है| और बहुत ज्यादा ईमानदार लोगों को ही सबसे ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं|
अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो, 6 साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो, सोलह साल से उनके साथ मित्रता करो|
दूसरों की गलतियों से सीखो, अपने ही ऊपर प्रयोग करके सिखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी|
बुरी संगत उस कोयले के समान है, जो गर्म हो तो हाथ को जला देता है और ठंडा हो तो काला कर देता है|
बुरे राजा के राज में न तो जनता सुखी होगी और न ही उससे कभी जनता का भला होगा| बुरे राजा से तो अच्छा है की राजा न ही हो|
कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाला श्रेष्ठ समय है| जो साहस के साथ उनका सामना करते हैं वे विजयी होते हैं|
आलसी मनुष्य का वर्तमान और भविष्य नहीं होता|
जो लोग हमेशा गलत भाषा का प्रयोग करते हैं| उनका विनाश जल्दी होता है|
कोई भी काम शुरू करने से पहले तीन सवाल अपने आप से जरूर पूछो, में ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ, इसका क्या परिणाम होगा? क्या मैं सफल हो पाऊंगा|
भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये इस पर हमला कर दो| भय से भागो मत इसका सामना करो|
दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है|
काम का निष्पादन करो, परिणाम से मत डरो|
सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज होता है, पर अच्छाई सभी दिशाओं में फेलती है|
इश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसते हैं| अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ आत्मा में परमात्मा है|
भोजन के लिए अच्छे पदार्थों का उपलव्ध होना, उन्हें पचाने के शक्ति का होना, सुन्दर स्त्री के साथ संसर्ग के लिए कामशक्ति का होना, प्रचुर धन के साथ साथ धन देने की इच्छा होना| ये सभी सुख मनुष्य को बहुत कठिनता से प्राप्त होते हैं|
जिस व्यक्ति का पुत्र उसके नियंत्रण में रहता है, जिसकी पत्नी आज्ञा के अनुसार आचरण करती है| और जो व्यक्ति अपने कमाए धन से पूरी तरह संतुष्ट रहता है| ऐसे मनुष्य के लिए यह संसार ही स्वर्ग के समान है|
चाणक्य कहते हैं, की वही पिता सुखी है, जिसकी संतान उनकी आज्ञा का पालन करती है| पिता का भी कर्त्तव्य है की वह पुत्रों का पालन पोषण अच्छी तरह से करे|
ऐसे व्यक्ति को मित्र नहीं कहा जा सकता है, जिस पर विश्वास नहीं किया जा सके और ऐसी पत्नी व्यर्थ है जिससे किसी प्रकार का सुख प्राप्त न हो|
जो मित्र आपके सामने चिकनी चुपड़ी बाते करता है और पीठ पीछे आपके कार्य को बिगाड़ देता है, उसे त्याग देने में ही भलाई है|
ऐसा मित्र उस बर्तन के सामान है, जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा है, परन्तु अंदर बिष भरा हुआ होता है|
जिस प्रकार पत्नी के वियोग का दुःख, अपने भाई बंधुओं से प्राप्त अपमान का दुःख असहनीय होता है,
उसी प्रकार कर्ज से दबा व्यक्ति भी हर समय दुखी रहता है|
ब्राह्मणों का बल विद्या है, राजाओं का बल उनकी सेना है, वेश्यों का बल उनका धन है और शूद्रों का बल दूसरों की सेवा करना है|
चाणक्य का कहना है की मुर्खता के सामने योवन भी दुखदायी होता है क्योंकि जवानी में व्यक्ति कामवासना के आवेग में कोई भी मूर्खतापूर्ण कार्य कर सकता है|
दुष्टों और काँटों से बचने के केवल दो ही उपाय हैं जूतों से उन्हें कुचल डालना या उनसे दूर रहना|
जब आदमी में शक्ति नहीं रह जाती वह साधू हो जाता है, जिसके पास दौलत नहीं होती वह ब्रह्मचारी बन जाता है, रुग्ण भगवान् का भक्त हो जाता है, जब औरत बूढी हो जाती है तो पति के प्रति समर्पित हो जाती है|
सांप के दांत में, बिच्छु के डंक में, मक्खी के सिर में, और मनुष्य के मन में जहर होता है|
कमजोर व्यक्ति से दुश्मनी ज्यादा खतरनाक होती है क्योंकि बह उस समय हमला करता है जिसकी आप कल्पना ही नहीं कर सकते हैं|
हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ होता है ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ न हो, यह एक कडवा सच है|
सेवक को तब परखें जब बह काम न कर रहा हो, रिश्तेदार को किसी कठनाई में, मित्र को संकट में, और पत्नी को घोर विपत्ति में|
जो स्त्री पराए घर में रहती है, जो पेड़ नदी किनारे रहते है, और जो राजा मंत्री न रखता हो, ये तीनो ही बहुत जल्दी नष्ट हो जाते हैं|
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है|
जिसने अन्यायपूर्वक धन इकठ्ठा किया है और अकड़ कर सदा सर को उठाए रखा है ऐसे लोगों से सदा दूर रहो| ऐसे लोग स्वयं पर भी बोझ होते हैं इन्हें शांति कही नहीं मिलती है|
दोस्तो आपको आचार्य चाणक्य के अनमोल विचार (Acharya Chanakya quotes in Hindi) जरूर पसंद आये होंगे| आपके पास भी कुछ सुझाव हों तो आप हमें कमेंट के माध्यम से अवगत करा सकते हैं|
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