Chanakya quotes in Hindi for success | Motivational quotes in Hindi by Chanakya | चाणक्य के सफलता पर अनमोल सुविचार
आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सबसे बड़े राजनीतिज्ञ थे इन्होने विभिन्न शास्त्रों में से जीवन को सरल सफल और सुगम बनाने के सूत्रों का संकलन एक जगह किया|
आचार्य चाणक्य के यह सूत्र जीवन के हर एक क्षेत्र में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं| इन्ही में से कुछ सूत्र यहाँ आपके साथ शेयर कर रहे हैं को आपको सफल जीवन जीने में सहायक होंगे|
Chanakya Quotes in Hindi for success
आलसी मनुष्य का न वर्तमान होता है न ही भविष्य|
चाणक्य कहते हैं, असफलता का एक मुख्य कारण आलस्य है| सफलता कर्म आधारित है, किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य तो पूर्ण करना ही होगा| लेकिन आलस्य के कारण हम उन जरूरी कार्यों को टालते रहते हैं| कोई और व्यक्ति हमसे पहले मेहनत करते उस लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है| इसलिए आलस्य छोड़ो और आज से ही अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम पर लग जाओ|
हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, न ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए, विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं|
चाणक्य कहते हैं, यदि हमसे भूतकाल में कोई गलती हो गई है या कुछ हमार साथ गलत हुआ है उसके लिए पछताना नहीं चाहिए| जो हो गया सो हो गया उसमे आप ग्लानी भाव रखकर कोई बदलाव नहीं कर सकते हो|
इसके विपरीत वर्तमान में निर्धारित किये गए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर्म करते हुए भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए हमेशा तत्पर रहना है|
व्यक्ति अपने गुणों से ऊपर उठता है| ऊँचे स्थान पर बेठने से ऊँचा नहीं हो जाता है|
चाणक्य कहते हैं समाज में व्यक्ति को उसके गुणों के आधार पर सम्मान दिया जाता है| यदि आपके कर्म भगवान् के अनुरूप हैं| अर्थार्त यदि आप हमेशा सभी की मंगल कामना करते हैं तो आपको भी भगवान् की तरह ही सम्मान दिया जाएगा|
जब तक तुम दोड़ने का साहस नहीं जुटाओगे, तुम्हारे लिए प्रतिस्पर्धा में जितना सदा असंभव बना रहेगा|
चाणक्य कहते हैं| सफल होने के लिए कोशिश करना आवश्यक है| नक्ररात्मक स्वाभाव वाले लोग प्रयास करने से पहले ही हार मान लेते हैं| और प्रयत्न कर बिना तो हार असफलता निश्चित है| इसलिए हमेशा प्रयास करते रहें| सफलता निश्चित मिलेगी|
गीता में भी कहा है मनुष्य के पास सिर्फ कर्म और प्रयास करने का अधिकार है अपने आपको फल (परिणाम) देने का इसे अधिकार नहीं है| परिणाम और सफलता आपके कर्मो की सिर्फ प्रतिक्रिया मात्र है|
भगवद्गीता के यह श्लोक आपके जीवन जीने का नजरिया बदल देंगे
किसी भी मनुष्य की वर्तमान स्थिति को देखकर उसके भविष्य का उपहास मत उडाओ क्योंकि काल में इतनी शक्ति है की वो एक मामूली कोयले के टुकड़े को हीरे में बदल सकता है|
चाणक्य कहते हैं, समय बड़ा बलवान है, आज जो रंक (भिखारी) है कल वो राजा भी बन सकता है| इसलिए अकारण ही किसी गरीब का मजाक मत बनाओ|
अर्थार्त समाज में अमीर गरीब सबसे हमारा मधुर व्यवहार होना चाहिए| आज जो आपके काम नहीं आ सकता है| लेकिन हो सकता है भविष्य में उससे ही आपको मदद लेनी पड़े| इसीलिए समाज में सभी से मधु और मीठा व्यवहार रख कर अपना बना कर रखें|
ये आठ कभी दूसरों का दुःख नहीं समझते 1. राजा 2. वेश्या 3. यमराज 4. अग्नि 5. छोटा बच्चा 6. चोर 7. भिखारी 8. कर वसूल करने वाला|
चाणक्य कहते हैं, राजा, और वेश्या से कभी दया की आशा मत रखो, मर्त्यु निश्चित है अकारण मरने से न डरो, ज्यादा कर्जा करके साधन न जुटाओ, यदि आप कर्ज न चूका पाए तो साहूकार या बैंक आप पर दया नहीं करने वाले| इसलिए जितनी चादर है उतने ही पैर पसारो|
संसार जरुरत के नियमों पर चलता है, सर्दियों में जिस सूरज का इंतजार होता है, उसी सूरज का गर्मियों में तिरस्कार भी होता है| “आप की कीमत तब होगी जब आपकी जरुरत होगी|
प्रत्येक व्यक्ति की समाज में उसके गुणों के आधार पर ही सम्मान या जरुरत मानी जाती है| जब आपके गुणों के आधार पर आपकी जरुरत महसूस की जाएगी तो आपको भी सम्मान मिलेगा|
यहाँ चाणक्य यह बताना चाह रहे हैं| आपको काबिल बनना है, और एक निपुण मैनेजर की तरह समस्याओं को सुलझाने में महारत हासिल करनी है| यदि आपमें यह गुण है तो आपकी भी समाज में कीमत मानी जाएगी|
विद्वानों की सभा में अनपड़ वैसे ही अपमानित होता है जैसे हँसों के बीच बगुला|
शिक्षा और ज्ञान ही व्यक्ति को जीवन में आगे बढाता है| सिर्फ किताबी ज्ञान बेकार है, आपको एक फील्ड में पूरी तरह से निपुण (एक्सपर्ट) होना होगा| तब ही जाकर आपका समाज और इंटेलीजेंट लोगों के बीच बेठ पाओगे|
कामयाब होने के लिए अच्छे मित्रों की जरुरत होती है और ज्यादा कामयाब होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्यकता होती है|
चाणक्य यहाँ बता रहे हैं| अपने प्रतिद्वंदियों से डरो मत अर्थात आपके जितने ज्यादा प्रतिद्वंदी होंगे आप उतनी ज्यादा मेहनत करके और उनसे बेहतर करके आगे बढ़ पायेंगे| आपकी स्किल और काम करने के तरीकों में भी सुधार होगा क्योंकि आप अपने competitor से बेहतर करने की कोशिश करेंगे|
शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है, एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है, शिक्षा सोंदर्य और योवन को परास्त कर देती है|
चाणक्य कहते हैं, शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करके व्यक्ति सफलता की ऊँचाइयों को छु सकता है| अर्थार्त एक व्यक्ति ज्ञानी हा लेकिन कुरूप है और एक व्यकित अनपड़ लेकिन रूपवान है| लेकिन समाज में सम्मान ज्ञानी व्यक्ति को ही मिलेगा|
अपने कार्य की शीघ्र सिद्धि चाहने वाला व्यक्ति नक्षत्रों की प्रतीक्षा नहीं करता|
अर्थार्त जिसको अपना लक्ष्य प्राप्त करना है या निर्धारित किया हुआ काम पूर्ण करना है वो सुभ समय आने की प्रतीक्षा नहीं करता| यदि आपने अपने जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित किया है तो आज से और अभी से इस कार्य को पूर्ण करने में लग जाओ|
वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थार्त दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकता है|
हमेशा दुष्ट और बुरे स्वभाब के इंसान से दूरी बना के रखें| ऐसा व्यक्ति अपनी प्रवर्ती के अनुसार कभी भी आपको नुकसान पंहुचा सकता है|
जैसे एक बछड़ा हजारों गायों के झुण्ड में अपनी माँ के पीछे चलता है उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते है|
मनुष्य के किये गए कर्म हमेशा उसके साथ चलते हैं| सरल शब्दों में कहें यह पूरा संसार एनर्जी से चलता है इसमें या तो पॉजिटिव एनर्जी है या नेगेटिव| जब हम समाज में दुसरे लोगों का भला करते हैं हमें दुआएँ मिलती हैं और बुरा करते हैं तो बददुआएँ| यह दुआएँ और बददुआएँ पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी की तरह हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं| तो आप कैसे एनर्जी अपने साथ रखना चाहेंगे| सोचियेगा जरूर|
इंसान असफल तब नहीं होता जब वह हार जाता है असफल तब होता है जब वो ये सोच ले की अब वो जीत नहीं सकता|
आपने यह तो सुना होगा मन के हारे हार है मन के जीते जीत| आप तब तक नहीं हारते जब तक आप मन से नहीं मान लेते की आप हार गए| यदि आप एक लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाए तो इसे हारना नहीं कहते| मंजिले और भी हैं कारवां तो चलता जाएगा| आप बस अपना कर्म करते रहिये बस मन में यह विचार न आये की में कुछ नहीं कर सकता
इससे पहले की डर तुम्हारे नजदीक आये उसे ख़त्म कर दो|
डरना तो जीवन में है ही नहीं, डर के आगे ही तो जीत है| यदि आप डरे तो शायद ही जीवन में कुछ कर पायेंगे|
यह संसार एक कडवा वृक्ष है, इसके सिर्फ दो ही फल अमृत जैसे मीठे होते हैं एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगती|
चाणक्य कहते हैं, यह जीवन कडवे वृक्ष के सामान है| यदि आप इस जीवन में कुछ मिठास और शुभ पल जीना चाहते हो तो हमेशा सज्जनों की संगती और मीठा बोलने की आदत अपने जीवन में डालो तो यह जीवन आपको सरल लगने लगेगा|
यदि आप प्रयास करने के बाद भी असफल हो जाएँ तो भी उस व्यक्ति से हर हाल में बेहतर होंगे जिसका बिना किसी प्रयास के सफलता मिल गई है|
दोस्तो जब हम किसी कार्य को पूरा करने का प्रयास करते हैं, तो उससे सम्बंधित छोटी से छोटी जानकारी से अवगत हो जाते हैं|
हो सकता है किसी कारणवश लक्ष्य तक न पहुंच पायें| लेकिन नॉलेज का भण्डार हमारे पास होता है| जो जीवन में 100% काम आती है|
आपने देखा होगा कितने लोग IAS की तयारी करते हैं लेकिन कुछ का ही सिलेक्शन हो पता है| लेकिन जिन्होंने सही में मेहनत की है कोचिंग दे कर IAS से भी बेहतर कम रहे हैं|
कोई भी व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है अपने जन्म से नहीं|
आचार्य चाणक्य कहते हैं यदि कोई व्यक्ति अमीर घर में ही क्यों न पैदा हुआ है जरुरी नहीं वो महान हो| व्यक्ति महान अपने कर्मों से बनता है|
हमारे राष्ट्रपति दलित सम्माज से हैं आज भारत के राष्ट्रपति हैं| हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी OBC समाज से हैं आज देश के प्रधानमंत्री हैं ये सब अपनी मेहनत और देश के लिए अच्छे कार्यों की वजह से|
आप अपने जीवन में समाज के लिए अच्छे कार्य कीजिये दूसरों की निस्वार्थ भाव से मदद कीजिये| यकीं मानिये लोग आपको पलकों पर बिठा लेंगे|
धर्म, गुरु का ज्ञान, दवाइयां आदि का सदा संग्रह करके रखना चाहिए, समय आने पर यह सब चीजें इंसान के काम आती है|
हमेशा सत्य, गुरु ने दिया हुआ ज्ञान और दवाइयां हमेशा ही अपने साथ रखने चाहिए| या कभी भी विपत्ति और इमरजेंसी के समय आपके अवश्य काम आ सकती हैं|
जहां आपकी कोई इज्जत न हो, जहां आपका कोई दोस्त न हो, जहाँ आप अपना पेट नहीं पाल सकते और जहाँ आप कोई ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते उस देश में रहना व्यर्थ है|
मनुष्य एक सामाजिक व्यक्ति है और बिना सम्माज के रहना बहुत मुश्किल, चाणक्य कहते हैं यदि आप एक ऐसी जगह पर हैं जहाँ आप सम्मान नहीं हो रहा है ऐसी जगह न रुकें| ऐसा स्थान जहाँ आपका कोई मित्र नहीं है, जहाँ आप आजीविका नहीं कम सकते हैं और ज्ञान और शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते हैं ऐसी जगह और देश में रहने का कोई फायदा नहीं है|
मूर्खों से वाद विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे केवल आप अपना ही समय नष्ट करेंगे|
चाणक्य का यह सूत्र बहुत महत्वपूर्ण है मूर्ख व्यक्ति से वाद विवाद में जीतन अपना समय बर्वाद करने जैसा है| हमेशा बेवकूफ इंसान से बहस करने से बचें|
आपका खुश रहना ही आपके दुश्मन के लिए सबसे बड़ी सजा है|
यह सूत्र मुझे बहुत पसंद है नेगेटिव लोग हमेशा दुसरे की प्रगति से जलते हैं| और पॉजिटिव लोग सफल लोगों से प्रेरणा लेते हैं| हमेशा खुश रहें चाहे जैसी भी परिस्थिति हो, आपके दुश्मन आपको दुखी देखना चाहते हैं| लेकिन यदि आप सभी प्रकार की परिस्थिति में भी खुश रहेंगे तो आपके दुश्मन को औचित्य कभी पूरा नहीं हो पाएगा| यही आपके दुश्मन के लिए सबसे बड़ी सजा है|
जल के एक एक बूंद से घड़ा भर जाता है इसी प्रकार सभी विद्या धर्म और धन संचय धीरे धीरे ही होता है|
देखिये प्रकृति में किसी भी चीज के सर्जन में समय लगता है| आप एक दम से सब कुछ नहीं कर सकते| इसीलिए घबराएं नहीं आपना कर्म करते रहे और समय दें|
बुद्धि से पैसा कमाया जा सकता है न की पेसे से बुद्धि कमाई जा सकती है|
दोस्तो यही आपके पास ज्ञान है और उसे आप सही दिशा में लगते हैं तो आप निश्चित ही धनवान बन सकते हैं| लेकिन एक मूर्ख भी पैसा खर्च करके बुद्धिमान नहीं हो सकता है| हमारा असली धन हमारा ज्ञान है|
मूर्खों से तारीफ सुनने से बुद्धिमान से डांट सुनना ज्यादा बेहतर है|
दोस्तो मूर्खो की संगती तो बुरी है ही, यहाँ चाणक्य कह रहे हैं, यदि आपका गुरु और बॉस बुद्धिमान है ज्ञानी है लेकिन खडूस है तब भी उसकी संगती आपको सफल बना सकती है| यदि वह डांट भी रहा है बुरा बर्ताव भी कर रहा है लेकिन आपको लगता है की आप कुछ यहाँ से सिख सकते हैं तो दांत खाते रहिये जीवन में अवश्य ही सफल होंगे|
कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है तो भर कर बहार आती है, जीवन का भी यही गणित है जो झुकता है वह प्राप्त करता है|
दोस्तो आप जितना अपने जीवन सोम्य रहेंगे मधुर बोलेंगे और हमेशा छोटों को भी बड़े जितना आदर देंगे| तो जीवन में सफलता निश्चित है|
दुष्ट इंसान की मीठी बातों पर कभी भरोसा मत करो, वो अपना मूल स्वभाव कभी नहीं छोड सकता, जैसे शेर कभी हिंसा नहीं छोड सकता|
यह सीख हमेशा ध्यान रखें दुष्ट इंसान कभी भी भरोसे के लायक है ही नही| क्योंकि वह अपना मूल स्वाभाव कभी नहीं छोड़ेगा ऐसे लोगों में दया नहीं होती|
किसी से उम्मीद किये बिना उसका अच्छा करो, क्योंकि किसी ने कहा है, जो लोग फूल बेचते हैं उनके हाथ में खुशवू अक्सर रह जाती है|
दोस्तो यदि हम किसी की मदद करते हैं तो कभी कभी न कभी वह व्यक्ति हम्मरे काम जरूर आता है अच्छाई कभी व्यर्थ नहीं जाती|
मनुष्य महान अपने कर्मों से होता है न की अच्छे कुल में जन्म लेने से|
वेश्याएँ निर्धनों के साथ नहीं रहती, नागरिक कमजोर संगठन का समर्थन नहीं करते और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिस पर फल न हो|
दोस्तो समाज में सम्मान पाने के लिए आपको सक्षम होना बहुत जरूरी है| साहसी, धनवान और दयावान व्यक्ति को समाज में सम्मान मिलता है इसके विपरीत कमजोर और असिक्षित व्यक्ति से लोग दूरी बनाते हैं|
सोने के साथ मिलकर चांदी भी सोने जैसे दिखाई पड़ती है अर्थार्त सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर अवश्य पड़ता है|
जहाँ मूर्ख नहीं पूजे जाते, जहाँ अन्न संचित रहता है और जहाँ आदमी औरत में कलह नहीं होती वहां लक्ष्मी स्वयं ही आकर विराजमान हो जाती है|
दोस्तो यही आप अपने जीवन और घर में शांति चाहते हैं तो यह सूत्र हमेशा याद रखें| हमेशा घर और बहार मधुर भाषी रहें अपनी पत्नी से अच्छा व्यवहार रखें| मूर्खों की संगती से दूर रहें|
इर्ष्या, असफलता का दूसरा नाम है, इर्ष्या करने से अपना ही महत्व कम होता है|
यह बात आपको अपने जीवन में उतरनी है कभी भी किसी की भी सफलता से jealous न हों, उससे प्रेरणा लें उसे एक आदर्श की तरह अपने जीवन में उतरें और मेहनत करते रहें जीवन में निश्चित ही सफलता मिलेगी|
संतुलित मन के समान कोई तपस्या नहीं, संतोष के समान कोई सुख नहीं, लोभी जैसी कोई बीमारी नहीं, और दया की तरह कोई गुण नहीं|
विद्या अर्जन करना यह एक कामधेनु के सामान है जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है| वह विदेश में माता के समान रक्षा करती है| अतः इसे गुप्त धन कहा गया है|
दोस्तो ज्ञान और स्किल के दम पर ही हम लोग पैसा कम सकते हैं| दोस्तो मार्कशीट में मार्क्स लाना इतना important नहीं है जितना उस विषय के गहन और दीप नॉलेज| प्रत्येक अमीर इंसान अपने काम मे माहिर था इसलिए वो आज अमीर है| अतः ज्ञान प्राप्त करने पर बल दें न की नंबर्स पर
दोस्तो चाणक्य के सफलता पर प्रेरणा दायक अनमोल कथन और विचार (Chanakya quotes in Hindi for success) आपको जरूर पसंद आये होंगे|
अगर आप इससे कुछ प्रेरणा ले पाएं हों तो आप हमें कमेंट में जरूर अवगत कराए| इसमें कुछ त्रुटी नज़र आए तो निसंकोच कमेंट में बता सकते हैं|
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